रक्षाबंधन: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार कल धूमधाम से मनाया जाएगा
रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके सुख, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं, जबकि भाई उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं। इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त विशेष रूप से अनुकूल है, जिससे इसका फल दोगुना माना जा रहा है।
राखी बांधने के शुभ समय
ज्योतिष के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं होता, लेकिन इस बार भद्रा सूर्योदय से पहले समाप्त हो रहा है, इसलिए पूरे दिन राखी बांधने के लिए अनुकूल है। खास मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- अमृत काल: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक
- शुभ चौघड़िया: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
राखी बांधने की विधि
- पूजा थाली में राखी, रोली, अक्षत, मिठाई और दीपक रखें। फूलों से सजावट कर सकते हैं।
- भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाएं, यह दिशा शुभ मानी जाती है।
- बहन भाई के माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं।
- दीपक जलाकर आरती करें और भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करें।
- भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें।
- राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें। इसके बाद भाई बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा का संकल्प लें।
रक्षाबंधन का महत्व
यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है कि बहनें राखी बांधकर भाई की खुशहाली की कामना करती हैं और भाई उसकी रक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व इस पवित्र रिश्ते की मजबूती, आपसी सम्मान और समर्पण को दर्शाता है।