भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को योग गुरु स्वामी रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रामक विज्ञापन मामले में दोनों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को बंद कर दिया है। 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ पतंजलि पर बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगा है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 के अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने आश्वासन दिया है कि ‘‘इसके बाद किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा, खासतौर से इसके द्वारा निर्मित उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में ऐसा नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा औषधीय प्रभावों का दावा करने वाले या किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ कोई भी आकस्मिक बयान किसी भी रूप में मीडिया को जारी नहीं किया जाएगा।’’ सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद इस आश्वासन के प्रति बाध्य है।

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