पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत दी. हाई कोर्ट ने रंजीत सिंह हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम को बरी कर दिया है. हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के आजीवन कारावास के आदेश को खारिज कर दिया. उच्च न्यायालय ने इस मामले में डेरा प्रमुख समेत पांच और लोगों को बरी किया. रंजीत सिंह हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट पंचकूला ने 2021 में गुरमीत राम रहीम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी और 31 लाख का जुर्माना लगाया था. 2002 में रणजीत सिंह की हत्या हुई थी.
22 साल पुराना है मामला
यह 22 साल पुराना मामला है, जिसमें 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया था. रंजीत सिंह डेरे का मैनेजर था, जिसकी 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र जिले के खानपुर कोलियान गांव में उनके खेतों के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.रंजीत की हत्या के एक साल बाद 2003 में उनके परिजनों ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की.
मगर तत्कालीन सरकार सरकार उनकी नहीं सुनी. इसके बाद उनके परिवारवालों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाई कोर्ट ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी. चार साल बाद यानी 2007 में सीबीआई ने कुछ आरोपियों पर कार्रवाई की और उसके खिलाफ केस दर्ज किया. वहीं, इसी साल सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की. तब से इस मामले में लगातार सुनवाई जारी रही.
18 अक्टूबर 2021 को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहीं अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित 5 दोषियों को बरी कर दिया है.