सरकारी स्कूलों से जाति या समुदाय के नाम हटाएं तमिलनाडु सरकार: हाई कोर्ट

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को राज्यभर के सरकारी स्कूलों के नामों से समुदाय अथवा जाति के नाम हटाने के लिए उचित कार्रवाई प्रारंभ करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति सी कुमारप्पन की खंडपीठ ने ये आदेश दिए।

पीठ ने कहा कि उसके संज्ञान में लाया गया है कि उस इलाके (कलवरायण पहाड़ियों) में ‘‘सरकारी आदिवासी आवासीय विद्यालय’’ के नाम से सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं। सरकारी स्कूल के नाम के साथ ‘आदिवासी’ शब्द का इस्तेमाल उचित नहीं है।

पीठ ने कहा कि स्कूल के नाम में इस तरह के इस्तेमाल से निस्संदेह वहां पढ़ने वाले बच्चों पर इसका असर पड़ेगा। उन्हें लगेगा कि वे ‘आदिवासी स्कूल’ में पढ़ रहे हैं और ऐसे संस्थान में नहीं पढ़ रहे जहां आस-पास के अन्य बच्चे पढ़ रहे हैं।

पीठ ने कहा कि यह न्यायालय सवाल करना चाहेगा कि यदि सरकारी स्कूल का नाम ‘आदिवासी स्कूल’ रखा गया तो समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

पीठ ने कहा कि यह दुखद है कि 21वीं सदी में भी सरकार उसके द्वारा संचालित स्कूलों में ऐसे शब्दों के इस्तेमाल की अनुमति दे रही है जो जनता के पैसे से संचालित हो रहे हैं।

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