असम के दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में फंसे तीन और खनिकों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही सभी नौ खनिकों के शव खदान से बरामद कर लिए गए हैं। मामले में एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि खदान में लापता होने के 44 दिन बाद ये शव बरामद किए गए हैं। शव बुधवार देर शाम बरामद किए गए, जबकि दो शव दिन में पहले बरामद किए गए थे। 

करीब डेढ़ महीने तक चला रेक्स्यू ऑपरेशन
बता दें कि, उमरंगशु में खदान में पानी निकालने का काम एक महीने से अधिक समय से चल रहा था और बुधवार को यह उस स्तर तक पूरा हो गया, जहां से पानी निकालने का काम शुरू किया जा सकता है। गोताखोरों ने इन शवों को देखा और उन्हें बाहर निकाला। अधिकारी ने बताया कि शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है और इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

6 जनवरी को खदान में फंसे थे नौ मजदूर
6 जनवरी को खदान के अंदर नौ मजदूर फंस गए थे और एक का शव दो दिन बाद बरामद किया गया जबकि तीन अन्य के शव 11 जनवरी को मिले। वहीं रेस्कयू ऑपरेशन के दौरान चार खनिकों के शव पहले बरामद किए गए थे, उनके परिजनों को सरकार ने 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी है और अंदर फंसे लोगों के परिजनों को छह-छह लाख रुपये दिए हैं।

राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच की भी घोषणा की
वहीं इस घटना को लेकर राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि खदान के अंदर फंसे सभी लोगों के परिवारों को कुल 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने पहले दावा किया था कि खदान 12 साल पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। मामले में राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच की भी घोषणा की है, जिसमें सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनिमा हजारिका एक सदस्यीय समिति की अध्यक्षता करेंगी।