अडानी मुद्दे पर ‘इंडिया गठबंधन’ में दरार, टीएमसी-सपा के अलग रुख से मुश्किल में कांग्रेस!

महाराष्ट्र में हार के बाद संसद सत्र के तीन दिन बाद ही इंडिया गठबंधन में दरार दिखने लगी है. अडानी के मुद्दें पर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार संसद में हंगामा कर रहे हैं. तीन दिनों से सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई है. वहीं, अडानी के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के घटक दल टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से अलग अपना रुख दिखाया है.

कांग्रेस और राहुल गांधी अडानी के मुद्दें पर संसद में सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. सत्ता पक्ष इस पर काम रोककर चर्चा की मांग को स्वीकार नहीं कर रहा है. इसके चलते दोनों सदनों में शीतकालीन सत्र के पहले तीन दिनों में कई मुद्दे लंबित रह गए. सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है. ऐसे में अब टीएमसी ने कांग्रेस से साफ शब्दों में कह दिया है कि सदन की कार्यवाही में बाधा न डालें.

अडानी का मुद्दा बहुत हो गया- TMC

टीएमसी ने कांग्रेस से दो टूक में कह दिया है कि अडानी का मुद्दा बहुत हो गया, हम चाहते हैं कि इसके अलावा जनता से सीधे जुड़े मुद्दे भी हैं, जिन्हें हम उठाना चाहते हैं. इस पर टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि अडानी मुद्दे पर सदन में विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के कारण कई महत्वपूर्ण मुद्दे प्रभावित हो रहे हैं. सदन में हंगामे के कारण चर्चा नहीं हो पा रही है.

टीएमसी नेता ने कहा कि वह चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले, ताकि लोगों के मुद्दों पर चर्चा हो सके. वहीं, समाजवादी पार्टी ने भी सदन की कार्यवाही को लेकर कांग्रेस आलाकमान को सीधे तौर पर समझाया है. सपा का कहना है कि आप अडानी का मुद्दा तो रोज उठा रहे हैं. लेकिन संभल का मुद्दा हमारे सामने क्यों नहीं उठाया जा रहा है?

सपा-TMC के रुख से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है. वह सदन में अडानी मुद्दे पर सरकार को घेरकर विपक्ष और सबसे पुरानी पार्टी की भूमिका मजबूत करने की कोशिश कर रही है. हालांकि, कांग्रेस कह रही है कि वह अडानी के साथ बाकी मुद्दों पर विपक्ष के साथ है. लेकिन सपा और टीएमसी के रुख ने उसे अंदरखाने मुश्किल में जरूर डाल दिया है.

दरअसल, इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी और टीएमसी का दबदबा ज्यादा है. दोनों पार्टियों के पास 66 सांसद हैं. टीएमसी शीतकालीन सत्र में पश्चिम बंगाल, मणिपुर में कुपोषण और महिला सुरक्षा के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरना चाहती है. वहीं समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा को मुद्दा बनाना चाहती है. ऐसे में अब अडानी मुद्दे पर कांग्रेस और राहुल गांधी को अपने सहयोगी में फूट से मुश्किल होगी.

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