‘डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान मौत पर पीड़ित परिजनों को 2 लाख रुपये’; ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के कारण मरने वालों के परिवारों के लिए वित्तीय राहत की घोषणा की है। 

आरजी कर केस के बाद से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के बाद से राज्य और पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। जो अभी भी राज्य में बड़े स्तर पर जारी है। प्रदर्शनकारी पीड़िता के लिए न्याय और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून की मांग कर रहे हैं।

सीएम ममता ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
वहीं इस मामले में सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान ने 29 लोगों की जान ले ली। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जूनियर डॉक्टरों की तरफ से लंबे समय तक काम बंद रखने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के कारण हमने 29 कीमती जानें खो दी हैं। शोक संतप्त परिवारों की मदद करने के लिए, राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों को 2 लाख रुपये की वित्तीय राहत की घोषणा करती है। 

सीएम ममता ने इस्तीफा देने की जताई है इच्छा
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले विरोध करने वाले डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया था। वहीं गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक भी करने की कोशिश की, जो जूनियर डॉक्टरों की वजह से सफल नहीं हुआ। जिसके बाद उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा भी जताई थी।

जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
वहीं आज कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चार पन्नों का पत्र भेजा था, जिसमें प्रशिक्षु डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी। जूनियर डॉक्टरों ने पत्र में लिखा- हम विनम्रतापूर्वक महामहिम के समक्ष अपने मुद्दों को रख रहे हैं, ताकि हमारे दुर्भाग्यपूर्ण सहयोगी जो सबसे घृणित अपराध का शिकार हुई हैं, उन्हें न्याय मिले और हम, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत स्वास्थ्य सेवा पेशेवर, बिना किसी डर और आशंका के जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम हो सकें।

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