जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के समापन के बाद संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए ठोस कारण होना चाहिए, केवल इच्छा जताने से बात नहीं बनती।”
“बैन का कारण भी तो बताएं”
खरगे के बयान पर सवाल उठाते हुए होसबाले ने कहा, “इससे पहले भी ऐसी कोशिशें हो चुकी हैं। जो लोग प्रतिबंध की बात करते हैं, उन्हें अपने पुराने अनुभवों से कुछ सीखना चाहिए। समाज किस दिशा में आगे बढ़ रहा है, यह देखना भी जरूरी है। सिर्फ इच्छा से नहीं, बैन लगाने के पीछे कोई तार्किक वजह भी होनी चाहिए।”
धर्मांतरण पर अंकुश की जरूरत
धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए होसबाले ने कहा कि समाज के कई साधु-संत और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं और संघ उनके साथ मिलकर काम करता है। उन्होंने कहा, “पंजाब में सिख समाज के बीच धर्मांतरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है। वहां जागरूकता है, लेकिन इसे और मजबूत करने की जरूरत है। जो लोग परिवर्तित हो चुके हैं, उन्हें वापस अपनी जड़ों से जोड़ने के प्रयास भी होने चाहिए।”
SIR पर विरोध समझ से परे: होसबाले
चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे SIR (Special Intensive Revision) अभियान को लेकर उठ रहे विरोध पर उन्होंने कहा, “वोटर लिस्ट को सही और पारदर्शी बनाना चुनाव आयोग का काम है। अगर किसी को आपत्ति है, तो उसे आयोग से शिकायत करनी चाहिए। लेकिन यह कहना कि SIR नहीं होना चाहिए, यह तर्कहीन है।”
उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यवसायीकरण पर नियंत्रण के लिए सरकार को ठोस रेगुलेशन तैयार करना चाहिए और समय-समय पर समीक्षा भी होनी चाहिए।
“वंदे मातरम” के 150 वर्ष पर नई पीढ़ी को जानना जरूरी
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर होसबाले ने कहा कि नई पीढ़ी को इस गीत के पीछे की ऐतिहासिक और प्रेरक कहानी से परिचित कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “वंदे मातरम भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभावना की पहचान है, इसे समझना जरूरी है।”
मणिपुर और नक्सल मुद्दे पर भी हुई चर्चा
बैठक में मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा हुई। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि राज्य में शांति बहाली के लिए सरकार और समाज दोनों सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर गए थे, और अब स्थिति पहले से बेहतर है। वहां के लोग चाहते हैं कि चुनी हुई सरकार बहाल हो, और संघ भी यही चाहता है कि राज्य में जल्द स्थायी समाधान निकले।”
उन्होंने बताया कि बैठक में नक्सलवाद की समस्या पर भी मंथन किया गया और इसके सामाजिक समाधान पर विचार किया गया।