ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD) और कांग्रेस विधायकों ने राज्य विधानसभा में जमकर हंगामा किया। विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के बेहद करीब आ गए। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की। विधायकों के हाथ में तख्तियां भी दीं। बीजद विधायकों ने ओडिशा सरकार द्वारा पंचायती राज दिवस की तिथि 5 मार्च से बदलकर 24 अप्रैल करने के फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस विधायकों ने राज्य में महिला अत्याचारों में कथित वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बीजद विधायक अधिराज पानीग्रही और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने की कोशिश की और वहां माइक्रोफोन तोड़ने की कोशिश की।
क्या है मामला?
विपक्षी बीजद और कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में भाजपा सरकार की ओर से ओडिशा के दिग्गज नेता बीजू पटनायक के प्रति कथित अनादर को लेकर हंगामा किया। इस वजह से विधानसभा अध्यक्ष को दोपहर तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने मोहन चरण माझी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की जयंती 5 मार्च को पंचायती राज दिवस न मनाने के फैसले की निंदा की।
बीजद का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने दिवंगत बीजू पटनायक की विरासत को मिटाने के लिए पंचायती राज दिवस समारोह को बीजू जयंती से अलग कर दिया है। बीजद सदस्यों ने दावा किया कि 1993 से ही पंचायती दिवस बीजू पटनायक जयंती पर मनाया जाता रहा है। राज्य सरकार ने ओडिशा के बाहर की तरह 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाने का फैसला किया है। सरकार ने एक आदेश के जरिए 5 मार्च की छुट्टी भी रद्द कर दी है।
सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग
सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। बीजद विधायक अधिराज पानीग्रही और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने की कोशिश की और वहां माइक्रोफोन तोड़ने की कोशिश की।
कांग्रेस विधायकों ने क्यों किया हंगामा
कांग्रेस सदस्यों ने पिछले साल जून में ओडिशा में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कथित वृद्धि को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया। सदन स्थगित होने के बाद बीजद विधायकों ने बीजू पटनायक की प्रतिमा के पास धरना दिया, जबकि कांग्रेस सदस्यों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।