सबरीमाला मंदिर से गायब हुए सोने की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने शुक्रवार को मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सबूत इकट्ठा करने के लिए बंगलुरू ले जाया। तिरुवनंतपुरम स्थित क्राइम ब्रांच ऑफिस से सुबह सड़क मार्ग के जरिए रवाना हुई SIT टीम पोट्टी के साथ बंगलुरू पहुंची। सूत्रों के अनुसार, पोट्टी को बाद में चेन्नई और हैदराबाद भी जांच के लिए ले जाया जा सकता है। मजिस्ट्रेट अदालत ने SIT को उनकी हिरासत 30 अक्टूबर तक सौंपी है।

जांच में सामने आए तथ्य

जांच में यह खुलासा हुआ है कि 2019 में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड (TDB) ने सबरीमाला मंदिर के द्वारपालक मूर्तियों की सोने की परत वाली प्लेटें उन्नीकृष्णन पोट्टी को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए सौंपीं। आरोप है कि चेन्नई की एक फर्म में प्लेटों की इलेक्ट्रोप्लेटिंग कराने के बाद पोट्टी ने इन्हें बिना अनुमति के चेन्नई, बंगलुरू और केरल के अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर दिखाया।

उन्नीकृष्णन पोट्टी दो मामलों में मुख्य आरोपी हैं—द्वारपालक मूर्तियों की प्लेटें और श्रीकोविल के दरवाजे के फ्रेम से सोने की चोरी। इस मामले में SIT ने हाल ही में सबरीमाला के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को भी गिरफ्तार किया था।

TDB ने SIT जांच को लेकर जताई संतुष्टि

त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के अध्यक्ष पी.एस. प्रशांत ने कहा कि बोर्ड SIT की जांच से पूरी तरह संतुष्ट है। उनका कहना था कि जांच के प्रभावी तरीके से आगे बढ़ने से खोया हुआ सोना वापस मिलने और दोषियों को सजा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

उन्होंने आगे बताया कि बी. मुरारी बाबू ने ही द्वारपालक मूर्तियों की सोने की परत वाली तांबे की क्लैडिंग को पोट्टी को बंगलुरू भेजने का प्रयास किया था। बोर्ड का कहना है कि SIT की कार्रवाई और जांच से उन्हें पूरा भरोसा है कि मामला निष्पक्ष तरीके से हल होगा।