अमेरिका में अवैध कागजात के रह रहे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है, ट्रंप सरकार ने 104 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेज दिया है. मिलिट्री प्लेन C17 से इन लोगों को भारत भेजा गया. यूएस की बॉर्डर फोर्स ने भारतीय प्रवासियों का वीडियो जारी किया, जिसमें भारतीय नागरिकों के पैर और हाथ जंजीरों में जकड़े नजर आ रहे हैं. जिसके बाद से देश में ये मुद्दा गर्मा गया है. देशभर में इसको लेकर नाराजगी देखी जा रही है. वहीं इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है.
इस घटना पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर, एक भारतीय होने के नाते हमें दुख होता है. उन्होंने कहा कि जिन भारतीयों को वापस भेजा गया है उनके हाथों में हथकड़ी लगाकर उन्हें अपमानित किया गया है. ऐसी तस्वीरें देखकर काफी दुख हुआ.
यूपीए शासन की एक घटना को किया याद
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस नेता ने यूपीए शासन की एक घटना को याद किया.उन्होंने कहा कि दिसंबर 2013 की वह घटना याद है जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और स्ट्रिप सर्च किया गया था. उस समय भारत सरकार ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई थी. विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिका की राजदूत नैन्सी पॉवेल के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
‘US दूतावास को दी जाने वाली सुविधाएं वापस ली थीं’
उन्होंने आगे कहा कि यूपीए सरकार ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वाइकर्ट, रॉब वुडऑल और मैडेलिन बोर्डालो) से मिलने से साफ इनकार कर दिया था. साथ ही भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास को दी जाने वाली कई सुविधाएं वापस ले लीं थी , जिनमें दूतावास कर्मियों के लिए खाद्य पदार्थों और शराब के रियायती आयात की अनुमति भी शामिल थी.
‘अमेरिका ने घटना पर जताया था खेद’
कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिका की इस कार्रवाई को निंदनीयबताया था. आयकर विभाग ने अमेरिकन एंबेसी के स्कूल की जांच शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा कि जॉन केरी ने देवयानी खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त किया था, साथ ही अमेरिकी प्रशासन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह को कॉल कर अमेरिका की ओर से खेद प्रकट किया था.
अमेरिका से भारत वापस भेजे गए 104 प्रवासियों में 33 गुजरात के हैं, 30 पंजाब के हैं, 3 महाराष्ट्र, 3 उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के 2 नागरिक शामिल हैं. ये लोग अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे. इन लोगों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर बुधवार दोपहर अमृतसर पहुंचा था. इन लोगों में 72 पुरुष, 19 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल थे.