असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनिस के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। यूनिस ने दावा किया था कि पूर्वोत्तर भारत के सात राज्य ‘भूमि से घिरे’ होने के कारण बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए हिंद महासागर तक पहुंच का एकमात्र जरिया है। मुख्यमंत्री सरमा ने इस टिप्पणी को आपत्तिजनक और निंदनीय करार दिया।
चिकन नेक गलियारे को लेकर जताई चिंता
सीएम सरमा ने कहा कि यह बयान भारत की संप्रभुता के लिए चुनौतीपूर्ण है और रणनीतिक रूप से संवेदनशील ‘चिकन नेक’ गलियारे की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि भारत के भीतर कुछ तत्व पहले भी इस महत्वपूर्ण मार्ग को अलग करने की कोशिश कर चुके हैं, इसलिए यहां मजबूत सड़क और रेलवे नेटवर्क विकसित करना बेहद आवश्यक है। साथ ही, पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि भारत से जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर भी तेजी से काम किया जाना चाहिए।
यूनिस के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत
सीएम सरमा ने आगाह किया कि मोहम्मद यूनिस की ये टिप्पणियां महज बयान नहीं बल्कि एक बड़े रणनीतिक एजेंडे का हिस्सा हो सकती हैं। ऐसे भड़काऊ बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि वे गहरे रणनीतिक विचारों को दर्शाते हैं और दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकते हैं।
बांग्लादेश-चीन गठजोड़ पर जताई चिंता
बांग्लादेश के सलाहकार मुहम्मद यूनिस ने हाल ही में चीन की अपनी यात्रा के दौरान बीजिंग को इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का निमंत्रण दिया था। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य पूरी तरह भूमि से घिरे हैं और बांग्लादेश इस क्षेत्र को समुद्री मार्ग तक पहुंचाने के लिए एक अहम गेटवे की भूमिका निभा सकता है।
पवन खेड़ा का बयान – बांग्लादेश का रुख खतरनाक
इस मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बांग्लादेश, चीन को आमंत्रित कर भारत की घेराबंदी की योजना बना रहा है, जो नॉर्थ ईस्ट की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मणिपुर की उपेक्षा की जा रही है और अरुणाचल प्रदेश में चीन पहले से ही अपनी स्थिति मजबूत कर चुका है। खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि जिस बांग्लादेश के निर्माण में भारत की अहम भूमिका थी, वह आज हमारे खिलाफ रणनीतिक गठबंधन बनाने में जुटा है।