प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। इस दौरान,शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को आतंकवाद के किसी भी कृत्य को आपराधिक और अनुचित बताया। साथ ही एससीओ देशों ने राजनीतिक और भूराजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्यों द्वारा आतंकवादी और चरमपंथी समूहों का इस्तेमाल करने की अस्वीकार्यता पर जोर दिया। 

मंगलवार को हुए शिखर सम्मेलन में एससीओ देश अपने राष्ट्रीय कानूनों के अंतर्गत आतंकवादी, अलगाववादी और चरमपंथी संगठनों की एक एकीकृत सूची बनाने के लिए दृष्टिकोण विकसित करने पर सहमत हुए। भारत की मेजबानी में हो रहे वर्चुअली शिखर सम्मेलन के अंत में एससीओ देशों ने कट्टरपंथ का मुकाबला करने पर एक साझा बयान भी दिया।  

'नई दिल्ली घोषणा' को अपनाया
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के परिणाम के रूप में नेताओं ने 'नई दिल्ली घोषणा' और दो विषयगत संयुक्त वक्तव्यों को अपनाया। इनमें एक अलगाववाद, उग्रवाद और आतंकवाद की ओर ले जाने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने में सहयोग और दूसरा डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग है।

'नई दिल्ली घोषणा' में कहा गया है कि एससीओ के सदस्य देशों के नेता आतंकवाद के प्रसार के लिए अनुकूल स्थितियों को खत्म करने के लिए सक्रिय उपाय करना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही समूह देशों के शीर्ष नेताओं ने संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और एससीओ चार्टर के अन्य प्रावधानों के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।

'नई दिल्ली घोषणा' में कहा गया है कि सदस्य देश आतंकी वित्तपोषण चैनलों को खत्म करने, भर्ती गतिविधियों और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही को दबाने, स्लीपर सेल और आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले स्थानों को खत्म करने के लिए भी कार्रवाई करेंगे।

बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और समूह के अन्य नेता शामिल हुए।

 ईरान SCO का नया स्थायी सदस्य बना 
वहीं, इस शिखर सम्मेलन में ईरान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का नया स्थायी सदस्य बनाया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रभावशाली समूह का पूर्ण सदस्य बनने पर ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम राइसी और ईरान के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैं इस अवसर पर राष्ट्रपति राइसी और ईरान के लोगों को बधाई देता हूं। हम बेलारूस की एससीओ सदस्यता के लिए दायित्व पत्र पर हस्ताक्षर करने का भी स्वागत करते हैं। 

सभी नेताओं ने संगठन (एससीओ) के पूर्ण सदस्य राज्य के रूप में ईरान के शामिल होने की प्रक्रिया पूरी होने का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रईसी को भी बधाई दी। नेताओं ने एक सदस्य राज्य के रूप में संगठन में शामिल होने के लिए बेलारूस के ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा यह प्रक्रिया 2024 एससीओ शिखर सम्मेलन तक पूरी हो जाएगी।