अपराध की दुनिया के कुख्यात नाम लारेंस बिश्नोई और उसके गैंग के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार लारेंस के करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ और काला जठेड़ी कनाडा में बैठकर गैंग से अलग हो चुके हैं। राजस्थान के गैंगस्टर रोहित गोदारा भी अब लारेंस से अलग हो गए हैं। वर्तमान में लारेंस केवल अपने भाई अनमोल के साथ अमेरिका में अकेले रह गया है।

कनाडा ने बिश्नोई गैंग को घोषित किया आतंकी संगठन
कनाडा सरकार ने हाल ही में बिश्नोई गैंग को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। सरकार का आरोप है कि गैंग ने वहां के कुछ समुदायों को डराने और धमकाने के लिए हिंसक गतिविधियां की हैं। पब्लिक सेफ्टी मिनिस्ट्री के बयान के अनुसार, आतंकी संगठन घोषित करने के बाद कनाडा की सरकार को गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की छूट मिलेगी।

अंदरूनी मतभेदों के चलते अलग हुए सहयोगी
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जेल में बंद लारेंस अपने सहयोगियों के नाम का इस्तेमाल उगाही और अन्य वारदातों के लिए कर रहा था। इसी कारण गोल्डी बराड़ और अन्य गैंगस्टर उससे अलग हो गए। जानकारी है कि गोल्डी बराड़ खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल हो गए हैं और कुछ का नाम ड्रग्स मामले में भी सामने आया है। लारेंस और गोल्डी के बीच छोटे भाई अनमोल को लेकर भी विवाद हुआ था।

अपराध की दुनिया में प्रवेश और शिक्षा
32 वर्षीय लारेंस ने 2010 में पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र रहते हुए अपराध की दुनिया में कदम रखा। उस समय छात्रसंघ चुनाव के दौरान उसने प्रतिद्वंद्वी पर गोलीबारी की थी। पंजाब के फाजिल्का जिले के किसान परिवार के बेटे लारेंस ने चंडीगढ़ से कानून की डिग्री भी हासिल की थी।

परिवार का सपना अधूरा, सलमान खान से दुश्मनी
लारेंस के पिता चाहते थे कि वह आईपीएस बने, लेकिन लारेंस ने अपराध की राह पकड़ ली। उसका नाम सलमान खान से जुड़ी कुख्यात काला हिरण शिकार प्रकरण से भी जुड़ा रहा, जिससे बिश्नोई समुदाय नाराज हुआ। 2018 में उसने अदालत में सलमान खान को मारने की धमकी भी दी थी।

जेल में रहते हुए दी कई हत्याओं को अंजाम
जेल में बंद होने के बावजूद लारेंस ने कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं की साजिश रची। 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और 2023 में करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में उसका नाम सामने आया। इसके अलावा, कनाडा में गायक एपी ढिल्लों और जिप्पी ग्रेवाल के घरों के बाहर गोलीबारी की साजिश भी उसने रची थी।

अब लारेंस बिश्नोई का साम्राज्य अंदरूनी फूट और कानूनी दबाव की वजह से कमजोर दिख रहा है, और उसकी पकड़ अब पहले जैसी नहीं रही।