जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के हालिया बयान ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है। मदनी ने भोपाल में कहा था कि “जहां अत्याचार होगा, वहां जिहाद होगा।” इस टिप्पणी पर बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने सोमवार को कड़ी प्रतिक्रिया जताई और इसे “खतरनाक व भ्रामक” बताया।
हुसैन ने सवाल किया कि मदनी भारत में किस अत्याचार की बात कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे बयान देकर मुसलमानों में अविश्वास और बेचैनी पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हुसैन के मुताबिक, “किसी को भी मुसलमानों को टकराव की राह पर धकेलने का हक नहीं है। उन्हें भड़काने की साजिशें बंद होनी चाहिए।”
बीजेपी नेता ने कहा कि भारतीय मुसलमानों के पास दुनिया में सबसे सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल यहीं मिलता है। हुसैन ने दावा किया, “भारत जैसा देश, हिंदुओं जैसे दोस्त, भारत जैसा संविधान या प्रधानमंत्री मोदी जैसे नेतृत्व मुसलमानों को कहीं नहीं मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय मदनी के ‘जिहाद’ सम्बन्धी विचारों का समर्थन नहीं करता।
अपने भाषण में मदनी ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णयों—जैसे बाबरी मस्जिद और ट्रिपल तलाक—पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि कई फैसलों से ऐसा प्रतीत होता है कि अदालतें सरकार के दबाव में हैं। इसके अलावा उन्होंने वक्फ संपत्तियों, मॉब लिंचिंग, बुलडोजर कार्रवाई, एंटी-कन्वर्जन कानून और वंदे मातरम के मुद्दों पर भी टिप्पणी की थी।
हुसैन ने इन बयानों को “डर और भ्रम फैलाने वाला” बताया और कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जिहाद की अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने मदनी को सलाह दी कि वे “भारतीय मुसलमानों के स्वयंभू प्रतिनिधि बनने से बचें।”