कांग्रेस सांसद शशि थरूर के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ़ वाले बयान के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया। कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि थरूर की यह टिप्पणी व्यक्तिगत राय है और पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है।
विवाद तब शुरू हुआ जब थरूर ने आडवाणी को 98वें जन्मदिन की बधाई दी और आलोचकों के जवाब में उनका बचाव किया। थरूर ने कहा कि आडवाणी की कई दशकों की सेवा को किसी एक घटना तक सीमित कर आंकना उचित नहीं है। उनका तर्क था, “चाहे कोई घटना कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, वह पूरी सेवा को परिभाषित नहीं कर सकती।”
कांग्रेस ने किया स्पष्ट
कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “जैसा हमेशा होता है, डॉ. शशि थरूर अपनी राय स्वयं व्यक्त करते हैं। इंडियन नेशनल कांग्रेस उनके हालिया बयान से पूरी तरह अलग है।”
उन्होंने कहा कि थरूर का सांसद और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का सदस्य बने रहना पार्टी की लोकतांत्रिक और उदार भावना को दर्शाता है।
आलोचना भी हुई
इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आडवाणी की सार्वजनिक सेवा का संदर्भ केवल 1990 के राम रथ यात्रा से देखना गलत है।
थरूर ने जवाब दिया कि आडवाणी के पूरे करियर को सही संदर्भ में देखना चाहिए, जैसे नेहरू या इंदिरा गांधी के पूरे करियर को केवल एक घटना से नहीं आंकते। उन्होंने लिखा, “हमें आडवाणी की लंबी सेवा का सम्मान उसी तरह करना चाहिए।”