कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत इस साल के अंत तक रूसी तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाएगा।
एएनआई से बातचीत में थरूर ने ट्रंप से आग्रह किया कि वे भारत के फैसलों को दुनिया के सामने न रखें, क्योंकि नई दिल्ली किसी भी समय वाशिंगटन की बातों को मार्गदर्शन नहीं मानती।
“ट्रंप भारत की ओर से घोषणा न करें”
थरूर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ट्रंप के लिए यह उचित है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के फैसलों की घोषणा करें। भारत अपने फैसलों की घोषणा स्वयं करेगा। जिस तरह हम ट्रंप के फैसलों के बारे में घोषणा नहीं करते, उसी तरह ट्रंप को भी भारत के फैसलों की घोषणा नहीं करनी चाहिए।”
रूसी तेल आयात पर ट्रंप का बयान
इसके पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन का हवाला देते हुए कहा कि भारत साल के अंत तक रूसी तेल आयात को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करेगा और इसे ‘लगभग शून्य’ कर देगा। व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, “भारत ने मुझसे कहा था कि वे इसे रोक देंगे। यह एक प्रक्रिया है; आप इसे तुरंत नहीं रोक सकते। लेकिन साल के अंत तक यह लगभग शून्य हो जाएगा। यह एक बड़ा कदम है—लगभग 40% तेल। भारत अच्छा कर रहा है।”
भारत का रुख
हालांकि भारत सरकार ने किसी भी तरह के समझौते की बात से इनकार किया है। सरकार ने हमेशा कहा है कि उपभोक्ताओं के हित सर्वोपरि हैं और देश की ऊर्जा नीति स्थिर कीमतों और सुरक्षित आपूर्ति पर आधारित है।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाया है और भारत से ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने का आग्रह किया है।