बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार को लेकर पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनके यहां अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनकी संस्थाओं पर हो रहे हमलों को नहीं रोका गया, तो बंगाल की जमीनी सीमा से बांग्लादेश को निर्यात पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। 

शुभेंदु अधिकारी ने पेट्रापोल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक विरोध सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से व्यापार पर चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाया जाएगा, जिससे बांग्लादेश भारत से जरूरी वस्तुओं पर निर्भर होगा। इस कार्यक्रम में भाजपा के अन्य नेताओं ने भी भाग लिया। हालांकि, वे पार्टी के निशान के बिना यहां मौजूद रहे। 

'देखते हैं हमारे आलू-प्याज के बगैर कैसे रहते हैं वहां के लोग'
पड़ोसी देश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में पेट्रापोल सीमा पर सोमवार को व्यापार चौबीस घंटों के लिए रोक दिया गया था। इस विरोध को भारत के कारोबारी संगठनों, खासतौर पर बंगिया हिंदू समिति की ओर से आयोजित किया गया था।

अधिकारी ने कहा, यह चौबीस घंटे का व्यापार बंद केवल एक शुरुआत है। अगर अगले हफ्ते तक हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले नहीं रुके, तो हम पांच दिन तक व्यापार पर प्रतिबंध लगाएंगे। नए साल के बाद हम अनिश्चितकाल के लिए व्यापार रोक देंगे। देखते हैं कि वहां के लोग बिना हमारे आलू-प्याज के कैसे रहते हैं। 

Suvendu threatens total suspension of exports to Bangladesh from Bengal's land borders

'1971 की तरह आत्मसमर्पण करने पर मजबूर करेंगे'
यह विरोध कार्यक्रम इस्कॉन से जुड़े पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के विरोध में हुआ। अधिकारी ने कहा, भारत सिर्फ एक देश नहीं है। यह पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

अगर वे हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हैं, तो हम बांग्लादेश के रजाकारों के नए बेटों को 1971 की तरह आत्मसमर्पण करने पर मजबूर करेंगे। तब हमने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर किया था। 

Suvendu threatens total suspension of exports to Bangladesh from Bengal's land borders

पेट्रोपोल जीरो प्वाइंट तक निकाला मार्च
अधिकारी ने बाद में भाजपा नेताओं और स्थानीय विधायकों स्वपन मजूमदार, अशोक कीरतानिया और अर्जुन सिंह के साथ पेट्रोपोल जीरो प्वाइंट तक मार्च किया, जहां उन्होंने विरोध के प्रतीक के रूप में गुब्बारे छोड़े और बांग्लादेश में हिंदू साधु की बिना शर्त रिहाई और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

अधिकारी ने कहा, यह एक क्षण भर का विरोध नहीं है। हम पश्चिम बंगाल के अन्य सीमा बिंदुओं जैसे हिली और चांगराबंधा में भी ऐसे विरोध आयोजित करेंगे। यह किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है। हम राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर हिंदुओं को इसमें शामिल करना चाहते हैं।