कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एसआईआर (Special Summary Revision) प्रक्रिया के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर बीएलओ गणना फॉर्म लेकर पहुंचे। हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे तब तक फॉर्म नहीं भरेंगी जब तक पूरे बंगाल के लोग इसे भर नहीं लेते। ममता ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी पोस्ट साझा करते हुए कहा कि कल बीएलओ उनके निवास कार्यालय आए और फॉर्म वितरित किए। उन्होंने लिखा, “जब तक बंगाल का हर नागरिक फॉर्म नहीं भरता, मैं स्वयं इसे नहीं भरूंगी।”

तृणमूल कांग्रेस पहले ही एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत के खिलाफ मुखर रही है। मंगलवार को प्रक्रिया शुरू होते ही पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और जोड़ासांको से ठाकुरबाड़ी तक जुलूस निकाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस प्रक्रिया के खिलाफ शुरू से सख्ती बरत रही हैं और अगर किसी नाम की अनियमितता हुई तो इसका जिम्मेदार केंद्रीय सरकार होगी।

इस मामले में शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने बीएलओ से फॉर्म स्वयं नहीं लिया है, तो यह गैरकानूनी नहीं है। मजूमदार ने कहा कि आयोग के नियमों के अनुसार परिवार का कोई सदस्य या खुद उम्मीदवार फॉर्म लेने के लिए उपस्थित रह सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी गैरकानूनी तरीके से लोगों को वोटर सूची में शामिल करना असंभव है।

बीएलओ अमित कुमार रॉय बुधवार सुबह करीब 10:50 बजे मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित आवास पर पहुंचे और फॉर्म वितरित किए। इसके बाद ममता ने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि कुछ मीडिया संस्थानों ने गलत सूचना दी कि उन्होंने फॉर्म अपने हाथ में लिया है। उन्होंने इसे झूठा और जानबूझकर फैलाया गया भ्रामक दुष्प्रचार करार दिया।