नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह 2025 में देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को केंद्र में रखकर 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की घोषणा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पहले आईटीआई छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह की परंपरा शुरू की गई थी और आज उसी परंपरा का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, “यह समारोह इस बात का प्रतीक है कि आज का भारत कौशल और दक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। यह आयोजन देश के उन लाखों युवाओं को प्रोत्साहित करता है जो अपने हुनर से भारत का भविष्य गढ़ रहे हैं।”
बिहार के मुख्यमंत्री का संबोधन
कार्यक्रम से पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जुड़े। उन्होंने कहा कि केंद्र की इस पहल से बिहार के युवाओं को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने युवा आयोग और जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वास योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 25 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और योग्य युवाओं को नौकरी नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 11 वर्ष पहले कौशल विकास मंत्रालय की नींव रखकर जिस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया था, वही अब विकसित भारत के सपने का आधार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जाए और आईटीआई जैसे संस्थान इस लक्ष्य में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
युवाओं को बड़ा संदेश
कार्यक्रम में देशभर से हजारों आईटीआई छात्र और छात्राएं जुड़े। पीएम मोदी ने मंच से कुछ चुनिंदा छात्रों को स्वयं सम्मानित किया और बाकी को डिजिटल माध्यम से प्रमाणपत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य कौशलवान युवाओं के हाथों में है और सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है जिससे युवा न सिर्फ पढ़ाई करें बल्कि रोजगार और उद्यमिता के क्षेत्र में भी सफल हों।