केरल फिल्म उद्योग में महिलाओं पर अत्याचार, आरोपों की जांच के लिए विशेष टीम गठित

मलयालम फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों पर हुए अत्याचारों की जांच के लिए केरल सरकार ने सात सदस्यीय पुलिस समिति बनाई है। कई महिला कलाकारों के यौन उत्पीड़न के अनुभवों को बताने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई। 

बैठक में मुख्यमंत्री ने सात सदस्यीय टीम गठित करने के निर्देश दिए। टीम का नेतृत्व आईजी स्पार्जन कुमार करेंगे। इसमें राज्य की चार वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी शामिल होंगी। सीएम कार्यालय ने कहा कि अपराध शाखा के एडीजीपी एच वेंकटेश टीम के कामकाज की देखरेख करेंगे।

वहीं टीम में DIG एस अजीता बेगम, अपराध शाखा मुख्यालय एसपी मेरिन जोसेफ, तटीय पुलिस एआईजी पूनकुझाली, केरल पुलिस अकादमी के सहायक निदेशक ऐश्वर्या डोंगरे, एआईजी अजित वी और अपराध शाखा एसपी एस मधुसूदन शामिल होंगे।

दरअसल 2017 में अभिनेत्री उत्पीड़न मामले के बाद केरल सरकार की ओर से गठित न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा हुआ है। इसके बाद रविवार को फिल्म उद्योग से दो इस्तीफे दिए गए। निर्देशक रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद और अभिनेता सिद्दीकी ने ए.एम.एम.ए. (एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया।

हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट
24 जुलाई को जारी होने वाली सेंसर की गई रिपोर्ट के प्रकाशन पर केरल उच्च न्यायालय ने एक मलयालम फिल्म निर्माता की याचिका पर रोक लगा दी थी। इसके बाद, हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को याचिका खारिज कर दी और सरकार को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश दिया। वहीं एक अभिनेत्री की याचिका के मद्देनजर प्रकाशन में फिर से देरी हुई, जिस पर हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को सुनवाई की थी। आखिरी में सोमवार को ही हेमा समिति की रिपोर्ट जारी हुई, जिसके बाद से केरल के राजनीतिक गलियारे में भूचाल आ गया।

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