सुप्रीम कोर्ट: जज एसवीएन भट्टी ने खुद को चंद्रबाबू नायडू की याचिका की सुनवाई से अलग किया

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एसवीएन भट्टी ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की उस याचिका पर सुनवाई से बुधवार को खुद को अलग कर लिया जिसमें उन्होंने राज्य के कौशल विकास निगम में 371 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है।

जैसे ही यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ के समक्ष आया, खन्ना ने कहा, “मेरे भाई को इस मामले की सुनवाई करने में थोड़ी कठिनाई है। हम इसे अगले सप्ताह किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दे रहे हैं।” 

नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उन्हें तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करने की अनुमति दी जाए। बेंच ने कहा, “आप ऐसा कर सकते हैं। क्या हमें इस मामले को बाद में सुनवाई के लिए सौंप देना चाहिए?”

नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अगर पीठ मामले की सुनवाई नहीं कर रही है तो इसे पारित करने से मदद नहीं मिल सकती है और अदालत इसे अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का निर्देश दे सकती है।

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि पीठ इसे किसी निश्चित तारीख पर सूचीबद्ध करने का निर्देश नहीं दे सकती लेकिन इसे अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का आदेश दे सकती है। पीठ ने कहा, ‘प्रधान न्यायाधीश के आदेश के अधीन मौजूदा विशेष अनुमति याचिका उस पीठ के समक्ष रखी जाए जिसका हममें से एक (न्यायमूर्ति भट्टी) सदस्य नहीं हों। शीर्ष अदालत में गुरुवार से अवकाश है और यह तीन अक्टूबर को खुलेगी।

क्या है मामला?
पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम से धन के दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिससे राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। वह फिलहाल राजमहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में बंद है।

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