चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर राज्य के साथ भेदभाव और पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि न केवल राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने वित्तीय असमानताओं की ओर इशारा किया है, बल्कि आम लोगों के मन में भी कई सवाल उठ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे लोग भाजपा गठबंधन में शामिल होते ही कैसे साफ हो जाते हैं। उन्होंने इस संदर्भ में एक बार फिर ‘वॉशिंग मशीन’ वाले तंज का इस्तेमाल किया।

केंद्र की नीतियों पर सवाल
स्टालिन ने यह भी सवाल उठाया कि देश की योजनाओं और कानूनों के नाम केवल हिंदी और संस्कृत में क्यों रखे जाते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि केंद्रीय मंत्री बच्चों को अंधविश्वास सिखा रहे हैं और विपक्षी शासन वाले राज्यों में राज्यपालों के माध्यम से अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने भाजपा पर वोट धांधली की रणनीति अपनाने और एसआईआर मॉडल के जरिए चुनाव में गड़बड़ी करने का भी आरोप लगाया। इसके अलावा उन्होंने केंद्र द्वारा झाड़ी पुरातात्विक स्थल की वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित रिपोर्ट को स्वीकार न करने पर भी सवाल उठाया।

वित्त मंत्री ने उठाए केंद्र पर गंभीर आरोप
17 अक्टूबर को विधानसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने केंद्र सरकार पर वित्तीय भेदभाव के 10 गंभीर आरोप लगाए। इसमें शामिल थे:

  1. सहकारी संघवाद और जीएसटी सुधार के बावजूद राज्यों को उचित हिस्सा न देना।

  2. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और हिंदी थोपकर तमिलनाडु के बच्चों की शिक्षा को नुकसान।

  3. सड़क योजनाओं में तमिलनाडु को शामिल न करना।

  4. दक्षिण रेलवे परियोजनाओं के लिए फंड में भेदभाव।

  5. मदुरै और कोयंबटूर मेट्रो परियोजनाओं की मंजूरी में देरी।

  6. जल जीवन मिशन योजना के तहत राज्य को मिलने वाली ₹3709 करोड़ की राशि जारी न करना।

  7. जनसंख्या में 6% हिस्सेदारी होने के बावजूद वित्तीय वितरण में केवल 4% हिस्सा देना।

थंगम थेनारासु ने कहा कि केंद्र केवल सहकारी संघवाद का नारा लगाता है, जबकि व्यवहार में तमिलनाडु के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

स्टालिन ने केंद्र से जवाब मांगा
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इन सवालों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोग इस दोहरे रवैये को देख रहे हैं और जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि राज्य इन मुद्दों पर चुप नहीं बैठेगा और केंद्र से जवाब की मांग जारी रखेगा।