नई दिल्ली। नौकरी बचाने के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता को लेकर शिक्षक संगठनों ने बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई है, ताकि पुराने शिक्षकों को नियुक्ति के समय लागू नियमों के आधार पर ही सेवा और प्रोन्नति का अधिकार मिल सके।
संघ का तर्क है कि जब नियुक्ति के समय टीईटी जरूरी नहीं था, तो अब नौकरी बचाने और पदोन्नति के लिए इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। इसके लिए संगठन ने कानूनी विकल्प तलाशने भी शुरू कर दिए हैं और विशेषज्ञ वकीलों से सलाह-मशविरा जारी है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के भीतर टीईटी पास करना होगा, अन्यथा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। प्रोन्नति के लिए भी टीईटी जरूरी कर दिया गया है। केवल वे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि पाँच वर्ष से कम शेष है, उन्हें राहत दी गई है, लेकिन पदोन्नति के लिए उन्हें भी टीईटी पास करना होगा।
इस फैसले से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि बड़ी संख्या में शिक्षक अब तक टीईटी नहीं कर पाए हैं। खासकर 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। यही कारण है कि शिक्षक संघ सक्रिय हो गया है और समाधान की तलाश में दिल्ली में बैठकें कर रहा है।
शिक्षक संघ का पक्ष
संघ अध्यक्ष सुशील पांडेय और सचिव मनोज कुमार का कहना है कि टीईटी अनिवार्य करने से पहले यह देखा जाना चाहिए कि जिन शर्तों पर शिक्षक नियुक्त हुए थे, वही उनके लिए लागू हों। कई ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें नियमानुसार टीईटी के लिए आवेदन की पात्रता ही नहीं है, जैसे मृतक आश्रित नियुक्ति पाने वाले, आयु सीमा पार कर चुके या वे शिक्षक जिन्होंने इंटर के बाद नौकरी जॉइन की और बाद में बीएड/बीपीएड किया।
संघ ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि वे सेवा नियमों में संशोधन करें, ताकि पुराने शिक्षकों की नौकरी और पदोन्नति सुरक्षित रहे। साथ ही संगठन कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की भी तैयारी कर रहा है।
सरकारों की तैयारी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई राज्य सक्रिय हो गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारियों से टीईटी पास और नॉन-टीईटी शिक्षकों का विवरण मांगा है। उत्तर प्रदेश सरकार भी हालात की समीक्षा कर रही है। उधर, आल इंडिया बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि सरकार ने मामले पर सकारात्मक विचार का भरोसा दिया है।