हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी.के. सुनील ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को लेकर सुरक्षा संबंधी सभी आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि यह विमान पूरी तरह विश्वसनीय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुबई एयर शो के दौरान हुई दुर्घटना एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और इसका विमान की प्रतिष्ठा या भविष्य के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

“तेजस का सुरक्षा रिकॉर्ड दुनिया में सर्वश्रेष्ठ”

एचएएल प्रमुख के अनुसार, तेजस विमान अब तक अपने वर्ग में सबसे बेहतर सुरक्षा प्रदर्शन देता आया है। उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित हो रहे देश में नई तकनीक के साथ ऐसे चरण आते हैं, लेकिन इससे विमान की गुणवत्ता पर सवाल नहीं उठते।
उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत का 4.5 पीढ़ी का यह लड़ाकू विमान हमारी तकनीकी क्षमता का प्रमाण है। तेजस एक अत्यंत सुरक्षित और सफल प्लेटफॉर्म है।”

निर्यात पर भी टिकी एचएएल की नजर

सुनील ने बताया कि कंपनी वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए निर्यात को भी प्राथमिकता दे रही है। यह प्रयास भारत सरकार और एचएएल के संयुक्त प्रयास का परिणाम है।

दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड

तेजस विमान को परिचालन के 10 वर्षों में कुल दो बड़ी घटनाओं का सामना करना पड़ा है। पिछले वर्ष जैसलमेर में हुए हादसे में पायलट सुरक्षित निकल आया था।
दुबई एयर शो के दौरान हुई ताज़ा दुर्घटना में तेजस मार्क-1 विमान कम ऊंचाई पर नेगेटिव जी-टर्न से उबर नहीं पाया और ज़मीन से टकराने के बाद आग की चपेट में आ गया। पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की मौके पर ही मौत हो गई।

दुर्घटना के बावजूद तेजस के भविष्य पर पूरा भरोसा

एचएएल प्रमुख ने कहा कि इस एकल दुर्घटना से तेजस की संरचना, तकनीक या सुरक्षा को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि तेजस आगे भी भारतीय वायुसेना की रीढ़ साबित होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी जगह बनाएगा।