हाल ही में असम सीएम ने विधानसभा कर्मचारियों के लिए जुमा की नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक को खत्म करने का एलान किया। असम सरकार के इस फैसले पर राजनीति शुरू हो गई है। बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इसे लेकर असम सीएम पर निशाना साधा है। हालांकि इस दौरान वह कुछ ऐसा कह गए कि मणिपुर सीएम ने कड़ी आपत्ति जताई है और तेजस्वी के बयान को नस्लवादी बता दिया है।
तेजस्वी यादव ने असम सीएम को घेरा
दरअसल असम सरकार के फैसले पर तेजस्वी यादव ने एक बयान दिया और फिर अपने उस बयान को सोशल मीडिया पर साझा भी किया। इस पोस्ट में तेजस्वी यादव ने लिखा कि 'असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता हासिल करने एवं योगी का चाइनीज़ वर्जन बनने के प्रयास में जानबुझकर मुसलमानों को परेशान करने वाले कृत्य करते रहते है। भाजपा के लोगों ने नफरत फैलाने, मोदी-शाह का ध्यान आकृष्ट करने और समाज में धुर्वीकरण करने के लिए मुसलमान भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। देश की आजादी में RSS छोड़ सभी धर्मों के लोगों का हाथ है। हमारे मुसलमान भाइयों ने देश को आजादी दिलाने में कुर्बानियाँ दी है और हम लोग जब तक है तब तक कोई माई का लाल उनका बाल बांका नहीं कर सकता।'
असम सीएम ने भी किया पलटवार
तेजस्वी यादव के बयान पर असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि 'जुमे की नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक को खत्म करने का फैसला सिर्फ मुख्यमंत्री का फैसला नहीं था बल्कि यह विधानसभा के सभी हिंदू मुस्लिम विधायकों का फैसला है। जब विधानसभा स्पीकर ने इस फैसले का एलान किया तो किसी भी मुस्लिम विधायक ने इस पर आपत्ति नहीं जताई। राज्य विधानसभा के 126 में से 25 विधायक मुस्लिम हैं।'
एक सोशल मीडिया पोस्ट में असम सीएम ने लिखा कि 'असम में जुमे के ब्रेक को खत्म करने के फैसले को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया। बिहार या देश की किसी भी अन्य विधानसभा में ऐसा कोई ब्रेक है ही नहीं। मैं हैरान हूँ कि असम के बाहर के लोग बिना सोचे-समझे इसका विरोध कर रहे हैं।'
मणिपुर सीएम ने जताई तेजस्वी के बयान पर नाराजगी
तेजस्वी यादव और हिमंत बिस्व सरमा के बीच हुई बयानबाजी पर मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है। एन बीरेन सिंह ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए उनकी टिप्पणी को नस्लवादी बता दिया। एन बीरेन सिंह ने लिखा 'ऐसा लगता है कि विपक्षी गठबंधन नस्लवादी लोगों का समूह है, जिन्हें देश के इतिहास और भूगोल की कोई जानकारी नहीं है। पहले सैम पित्रोदा और अब तेजस्वी यादव उत्तर पूर्व के लोगों के प्रति नस्लवादी हो रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके जैसे नेता असम सीएम को चाइनीज बता रहे हैं क्योंकि वह उत्तर पूर्व से हैं। हम भी देश के बाकी लोगों की तरह ही उतने ही भारतीय हैं और हमें ये साबित करने की जरूरत नहीं है। लेकिन विपक्षी गठबंधन का उत्तर पूर्व के लोगों के प्रति ये नस्लवाद खत्म होना चाहिए।'