हैदराबाद में एक बुजुर्ग दंपती चार दिन तक अपने बेटे के शव के साथ रहे। भोजन-पानी के लिए वे उसे लगातार आवाज लगाते रहे। कभी खाना मांगा तो कभी पानी देने के लिए पुकारा, मगर हर बार उनकी आवाज पर बेटे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। आती भी कैसे क्योंकि अपने जिगर के जिस टुकड़े से वो मदद मांग रहे थे, उसकी सांसें तो चार दिन पहले ही थम चुकी थीं। माता-पिता देख नहीं सकते थे और उनको बेटे की मौत का अंदाजा नहीं था। जब बेटे का शव सड़ने लगा और घर से बदबू उठी तो पड़ोसियों ने पुलिस को फोन किया। इसके बाद जब पुलिस घर पहुंची तो हालात देखकर सब चौंक गए।
हैदराबाद के नागोले पुलिस स्टेशन के अधिकारी सूर्य नायक ने बताया कि ब्लाइंड्स कॉलोनी में एक बुजुर्ग दंपती अपने 30 वर्षीय बेटे के साथ रहते थे। दोनों को दिखाई नहीं देता है तो बेटा ही सारे काम करता था। चार दिन पहले अचानक बेटे की मौत हो गई। मगर अंधे माता-पिता को इस बारे में पता नहीं चला। उन्होंने बेटे को खाने और पानी के लिए आवाजें लगाईं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। जब घर से बदबू उठी तो पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस पहुंची।
पुलिस ने बताया कि लगता है युवक की मौत चार-पांच दिन पहले नींद में हो गई थी। पुलिस जब घर पहुंची तो दंपती अर्ध-बेहोशी की हालत में थे। उन्हें बचाया गया और भोजन-पानी दिया गया। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। शहर में रहने वाले दंपती के बड़े बेटे को इसकी सूचना दी गई। उसको माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी सौंप दी गई। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।