तिरुवनंतपुरम: केरल की सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) में नई बहस शुरू हो गई है। राज्य शिक्षा विभाग ने हाल ही में केंद्र सरकार के साथ PM SHRI योजना में शामिल होने का समझौता किया, जिसे CPI ने तीखी आलोचना का मुद्दा बना दिया है।
CPI के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने आरोप लगाया कि पिनराई विजयन सरकार ने गठबंधन के नियमों को दरकिनार किया और शिक्षा मंत्री वी. शिवकुट्टी ने यह निर्णय अकेले लिया। उन्होंने CPI के महासचिव डी. राजा को लिखे पत्र में कहा कि यह कदम LDF के केंद्र के खिलाफ समेकित रुख को कमजोर करता है।
CPI उठा सकती है सख्त कदम
सूत्रों के अनुसार CPI अब सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है, जिसमें कैबिनेट मीटिंग में शामिल न होना और केवल बाहरी समर्थन देना शामिल हो सकता है। पार्टी आज इस पर औपचारिक निर्णय लेगी और CPM के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन से बातचीत करेगी।
इसी बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पी.के. कुन्हालिकुट्टी ने भी पिनराई सरकार के इस कदम को बड़ी गलती बताया।
भाजपा का रुख
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने CPI की आलोचना को हास्यास्पद बताया और इसे बेकार कहा। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "केरल ने आखिरकार PM SHRI योजना में साइन कर दिया। देर आए दुरुस्त आए। CPI पहले तो चिल्लाता है, लेकिन अंत में सरेंडर कर देता है। NEP को मंजूरी मिलेगी, CAA लागू होगा और केंद्र जो भी लाएगा, केरल में लागू होगा।"
यह विवाद LDF के भीतर एकजुटता बनाए रखने की चुनौती को दर्शाता है, क्योंकि राज्य सरकार केंद्र की पहलों और राज्य की प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है।