कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सिर्फ भड़काऊ बयानबाजी है. अगर खून बहेगा, तो यह संभवतः हमारी तुलना में उनकी तरफ ज्यादा बहेगा. उन्होंने कहा कि

वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हमले की जांच के लिए तैयार हैं वाले बयान पर थरूर ने कहा ‘आप किसी हत्यारे से उसकी खुद की हत्याओं की जांच करने के लिए नहीं कहते’. इसके साथ ही उन्होंने पाक नागरिकों को वापस भेजने के फैसले पर कहा ‘लोगों को वापस जाने के लिए मजबूर होना दुखद है. यहां के मरीजों को अपने इलाज के बीच में ही वापस जाना पड़ेगा. ऐसे जटिल मामले हैं जहां माता-पिता के पास एक देश का पासपोर्ट है जबकि बच्चे के पास दूसरे देश का पासपोर्ट है.मुझे उनके लिए दुख होता है, लेकिन जब सरकार यह सख्त संकेत देना चाहती है कि सामान्य संबंध अब संभव नहीं हैं, तो आम इंसान अनिवार्य रूप से पीड़ित बन जाते हैं’.

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‘सीमा पार से मिलात है आतंकियों को निर्देशि’

पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा ‘यह एक लंबे पैटर्न का हिस्सा है जिसे हम सदियों से देख रहे हैं. लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है, प्रशिक्षित किया जाता है, हथियार दिए जाते हैं और अक्सर सीमा पार से निर्देशित किया जाता है. फिर पाकिस्तान किसी भी जिम्मेदारी से इनकार करता है. लेकिन आखिर में जिम्मेदारी साबित हो जाती है.

इससे पहले उन्होंने आतंकी हमले को लेकर कहा था कि घरेलू आरोप-प्रत्यारोप का यह समय नहीं है. उन्होंने इस्लामी आतंकवादियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं को नष्ट किए जाने की बात भी कही थी. नेता ने यह भी कहा था कि कश्मीरी एकीकरण और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता को कम नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि इस भयावह घटना के लिए उन लोगों की जिम्मेदारी अधिक है जिन्होंने हत्याओं की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया, न कि उन लोगों की जो उन्हें रोकने में विफल रहे.