कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को शांत रहने की टिप्पणी पर फंस गए हैं। शनिवार को उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि लंदन में खालिस्तानियों द्वारा भारतीय ध्वज को उतारे जाने की घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जो भी प्रतिक्रिया दी है, उसे लेकर मेरा कोई उनसे मतभेद नहीं है। इतना ही नहीं, थरूर ने जयशंकर को अपना मित्र और एक योग्य विदेश मंत्री भी बताया।
क्या कहा था विदेश मंत्री ने?
दरअसल, विदेश मंत्री इस साल दो अप्रैल को बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने की पश्चिम की आदत की आलोचना की थी। जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि मैं आपको सच्चा जवाब दूंगा (हम पश्चिम को भारत पर टिप्पणी क्यों करते देखते हैं)। इसके दो कारण हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पश्चिम को दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है। वे सोचते हैं कि यह उन्हें भगवान का दिया किसी तरह का अधिकार है। उन्हें अनुभव से ही सीखना होगा कि अगर वे ऐसा करते रहेंगे तो दूसरे लोग भी कमेंट करने लगेंगे और ऐसा होने पर उन्हें अच्छा नहीं लगेगा और मैं देख रहा हूं कि ऐसा हो रहा है।
शशि थरूर ने दी थी सलाह
पश्चिमी देशों पर जयशंकर की टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उन्हें थोड़ा शांत रहने की सलाह दी थी। थरूर ने कहा था कि हर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि किसी की टिप्पणी पर इतना कमजोर होने की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सरकार के रूप में वहां (पश्चिमी देशों) से आने वाली टिप्पणियों को सामान्य तरह से लें। अगर हम हर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हैं, तो हम खुद का नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से थोड़ा शांत रहने का आग्रह किया था।
अब बयान पर दे रहे सफाई
थरूर ने शुक्रवार को जयशंकर को शांत रहने वाली सलाह को लेकर सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि मेरे बयानों को गलत समझा गया। उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे मेरे कुछ दोस्तों ने ट्रोल्स भेजे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि मैंने विदेश मंत्री को उनकी खलिस्तानियों पर दी गई टिप्पणी को लेकर शांत रहने को कहा। जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि जब लंदन में खालिस्तानियों द्वारा भारतीय ध्वज को उतारे जाने की घटना हुई तो मैंने खुद विदेश मंत्रालय से नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि इस घटना पर गुस्सा होना ही सबसे सही प्रतिक्रिया थी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने जयशंकर की बेंगलुरु में पश्चिम के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के लिए की गई टिप्पणियों पर अपनी बात कही थी, जिन्हें अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा उठाया गया और विदेशों में गलत तरीके से दिखाया गया। थरूर ने कहा कि मैंने उनकी इस टिप्पणी पर उनसे संयम बरतने का आग्रह किया था।
थरूर ने आगे कहा कि हम बिना किसी उकसावे के किसी की आंख में धूल नहीं झोंकते हैं। विदेशों की आंखों में धूल झोंकना हमारी शैली नहीं है। उन्होंने कहा कि झंडा फहराने की घटना एक उकसावे की घटना थी और भारत की प्रतिक्रिया उचित थी। इस पर विदेश मंत्री से मेरा कोई मतभेद नहीं है। मैं उन्हें एक मित्र और एक कुशल एवं योग्य विदेश मंत्री मानता हूं।
उन्होंने लोगों से अपील की कि अपनी विदेश नीति को द्विदलीय रखें। उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीय हैं और जो कुछ भी मायने रखता है वह हमारा राष्ट्रीय हित होना चाहिए।