आसमान में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती ताकत के मद्देनजर सरकार ने वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है। भारतीय वायुसेना के सामने लड़ाकू विमानों की कमी के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व वाली यह समिति स्वदेशी डिजाइन, विकास और अधिग्रहण परियोजनाओं के माध्यम से समग्र क्षमता विकास पर नजर रखेगी।
वायुसेना ने पिछले महीने राजधानी दिल्ली में हुए वायुसेना कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने प्रेजेंटेशन दिया था, जिसके बाद समिति गठित की गई थी। सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को भविष्य के लड़ाकू विमानों की जरूरतों के साथ-साथ भविष्य में चीन-पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर सामने आने वाले खतरे से निपटने के लिए वायुसेना की क्षमता में कमी को पूरा करने की जरूरत के बारे में जानकारी दी गई थी।
समिति दो महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
अधिकारियों के मुताबिक, समिति में सचिव (रक्षा उत्पादन), संजीव कुमार के अलावा डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत और वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल टी. सिंह को शामिल किया गया है। समिति दो से तीन महीने में रक्षा मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इन पदों पर भी दे चुके हैं सेवा
राजेश कुमार सिंह 24 अप्रैल, 2023 से 20 अगस्त, 2024 तक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव का पदभार संभाल रहे थे। इससे पहले वह पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन मंत्रालय में पशुपालन एवं डेयरी सचिव थे। सिंह ने केंद्र सरकार में कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें शहरी विकास मंत्रालय में निर्माण और शहरी परिवहन निदेशक; दिल्ली विकास प्राधिकरण में आयुक्त (भूमि); पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव; कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव और भारतीय खाद्य निगम में मुख्य सतर्कता अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने केरल सरकार में शहरी विकास सचिव और वित्त सचिव के रूप में भी प्रभार संभाला है। सिंह ने आंध्र प्रदेश कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी गिरिधर अरमाने का स्थान लिया है, जो गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए।