राज्यपाल ने गृह मंत्रालय तक पहुंचाया पीड़िता के माता-पिता का दर्द

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद से न्याय की मांग को लेकर जोर-शोर से प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं बीते प्रदर्शनों में दरिंदगी की शिकार हुई महिला डॉक्टर के माता-पिता ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है।

‘पीड़ितों के दर्द को मैंने गृह मंत्री के समक्ष उठाया’
वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता ने मुझे कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो बहुत ही दुखद हैं। उन्होंने मुझे लिखित में भी दिया है जिसे मैंने गृह मंत्री के समक्ष उठाया है। दो दिनों के भीतर ही हमने कार्रवाई होते देखी है। हम उनकी भावनाओं को समझते हैं। वे जो चाहते हैं वह न्याय है।

प्रशासन गलत से गलत होता जा रहा है- बोस
राज्यपाल ने आगे कहा कि पूरा बंगाल समाज न्याय चाहता है। न्याय होगा, न्याय होना चाहिए। आज मैं बंगाल में जो देख रहा हूं, खासकर प्रशासन गलत से गलत होता जा रहा है। उन्हें यह समझना चाहिए कि दो गलतियां, भले ही वे परस्पर विरोधी हों, एक सही नहीं होंगी। सरकार को कार्रवाई करनी होगी। सरकार को लोगों का विश्वास जीतना होगा। गलत काम करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। सजा मिलनी चाहिए। आज बंगाल की यही स्थिति है- कानून तो है लेकिन उसका ठीक से पालन नहीं हो रहा है या कुछ लोगों को कानून के जरिए संरक्षणात्मक भेदभाव दिया जा रहा है। पुलिस का एक हिस्सा अपराधी है, एक हिस्सा भ्रष्ट है और एक हिस्सा राजनीतिक है।

भाजपा का सरकार और पुलिस पर आरोप
इधर भाजपा की राज्य महासचिव लॉकेट चटर्जी ने कहा, पहले हमने देखा कि कोलकाता पुलिस लोगों को समन भेज रही थी और कह रही थी कि वे फर्जी खबरें फैला रहे हैं। अब हम देख रहे हैं कि कोलकाता पुलिस खुद ही फर्जी खबरें फैला रही है, सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले सीएम से पूछताछ होनी चाहिए। यह एक संगठित अपराध था, संदीप घोष के साथ कई बड़े नाम जुड़े हैं, यहां तक कि कालीघाट भी इससे जुड़ा है, टीएमसी सरकार ने 21 वकीलों को सुप्रीम कोर्ट क्यों भेजा?”

वहीं कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में न्याय की मांग को लेकर भाजपा विधि विभाग के सदस्यों ने प्रदर्शन किया।

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