नई दिल्ली – नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे की जांच पूरी पारदर्शिता और नियमों के अनुसार की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच प्रक्रिया में किसी भी तरह की हेराफेरी या अनियमितता नहीं हो रही है। यह बयान उस समय आया है जब कुछ लोगों ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की जांच पर सवाल उठाए हैं।

मंत्री ने कहा, “यह एक गहन और निष्पक्ष प्रक्रिया है। एएआईबी अपनी रिपोर्ट स्वतंत्र रूप से तैयार कर रहा है और हम उन पर किसी तरह का दबाव नहीं डालना चाहते। अंतिम रिपोर्ट आने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन जांच पूरी तरह नियमों के तहत हो रही है।”

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में नायडू ने कहा कि इस हादसे की पूरी सच्चाई सामने आने के लिए सभी को एएआईबी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट जल्दबाजी में नहीं बल्कि तथ्यों के आधार पर तैयार की जाएगी।

विमान हादसे की पृष्ठभूमि
12 जून को अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (AI-171) टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। इसे भारत के सबसे भीषण विमान हादसों में से एक माना जा रहा है।

एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट और विवाद
एएआईबी की शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति अचानक बंद हो गई थी। कॉकपिट रिकॉर्डर में एक पायलट के सवाल “तुमने कटऑफ क्यों किया?” पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया था कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। रिपोर्ट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुछ हिस्सों के सार्वजनिक होने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि ‘चयनात्मक रिपोर्टिंग’ से गलत धारणा बन सकती है।

तकनीकी जांच जारी
नायडू ने बताया कि विमानन महानिदेशालय (DGCA) हादसे की तकनीकी वजहों की पड़ताल कर रहा है। उन्होंने कहा, “जब भी ऐसी घटना होती है, हम इसकी जड़ तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। जब कारण स्पष्ट हो जाएगा, तब सभी संबंधित पक्षों – चाहे वह उपकरण निर्माता हों या अन्य जिम्मेदार इकाइयां – से संपर्क किया जाएगा।”