नई दिल्ली। 6 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अब अवमानना का मुकदमा चलेगा। अटॉर्नी जनरल ने इस कार्रवाई के लिए सहमति दे दी है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रमुख एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई जल्द की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अब दिवाली की छुट्टियों के बाद इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट में की गई बातों का हवाला
पीठ को जानकारी दी गई कि अटॉर्नी जनरल ने अवमानना कार्यवाही की अनुमति दे दी है। वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने बताया कि 6 अक्टूबर की घटना के बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा और इससे न्यायपालिका की गरिमा और संस्थागत अखंडता को ठेस पहुंची। पीठ ने कहा कि अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं है और इसे दूसरों की गरिमा और सम्मान की कीमत पर नहीं लिया जा सकता।

पूरा मामला क्या था?
6 अक्टूबर को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर उनके न्यायालय कक्ष में जूता फेंक दिया। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों ने वकील को हिरासत में ले लिया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश गवई ने इस घटना को व्यक्तिगत तौर पर गंभीर न लेते हुए कार्यवाही जारी रखी और इसे भूला हुआ अध्याय बताया। इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर का वकील लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

इस कार्रवाई के बाद राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उनके खिलाफ आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की सुनवाई होगी।