देश में लोकसभा चुनाव होने से पहले सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। राजनैतिक दल वोटरों को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। वहीं, विभिन्न राजनेता भी दल परिवर्तन कर अपना राजनैतिक भविष्य सुरक्षित करने में लगे हैं। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थीं। अब आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा बयान देते हुए कांग्रेस की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रधानमंत्री मोदी जैसे मजबूत नेता की कमी है।
हर पार्टी को पीएम मोदी जैसे नेता की जरूरत
भाजपा में शामिल होने के बाद केरल लौटी पद्मजा का शुक्रवार को हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया गया। वहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पद्मजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने का उन्हें दुख है, लेकिन वह वहां अपमानित हो रही थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में समस्याओं का सामना करने के बाद भी वे लंबे समय तक कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ी रहीं। फिर पीएम मोदी की कार्यशैली देखकर उन्हें लगा कि हर पार्टी को पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरूरत है। कांग्रेस के पास ऐसे नेता की कमी है। यह सब देख कर ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया।
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर लगाए गंभीर आरोप
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शीर्ष नेताओं के पास पदाधिकारियों से मिलने का भी समय नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में जब वह दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय गईं तो उन्होंने पाया कि सोनिया गांधी किसी से नहीं मिलती हैं। इतना ही नहीं राहुल गांधी के पास भी समय नहीं है। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि वहां रहने का अब कोई मतलब नहीं है।
पद्मजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान मुझे किसी भी समिति में शामिल नहीं किया गया था। पार्टी के भीतर चार-पांच लोग मुझे त्रिशूर से बाहर निकालने और हर जगह मेरे लिए समस्याएं पैदा करने के लिए काम कर रहे थे। जब मैनें इस बारे में शीर्ष नेतृत्व से शिकायत की तो पार्टी नेतृत्व ने कोई सुनवाई नहीं की।
भाई को दिया ये जवाब
प्रेस कांफ्रेंस में पद्मजा में प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राहुल ममकुत्तथिल की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल ने उनके माता-पिता के बारे में जो बातें कही हैं, वे उनकी मां का अपमान करने जैसी हैं। वे इन टिप्पणियों को लेकर राहुल ममकुत्तथिल के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराएंगी। इस दौरान पद्मजा ने अपने भाई को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनके भाई और कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन ने भी कई बार पार्टी बदली है, तब मैंने कभी उनके बारे में कुछ भी बुरा नहीं कहा। अब वे मुझे लेकर टिप्पणी कर रहे हैं, ये
ठीक नहीं है। लेकिन, हमें अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन को अलग रखने की जरूरत है। मेरा राजनीतिक जीवन अलग है।
आहत भाई ने तोड़े सभी संबंध; कहा- पिता की आत्मा माफ नहीं करेगी
तीन दिन पहले तक कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल रहीं, पद्मजा ने गुरुवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस फैसले से आहत पद्मजा के भाई ने कहा है कि उनके पिता की आत्मा इस कृत्य के लिए उन्हें माफ नहीं करेगी। वडकारा लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद मुरलीधरन ने कहा कि वे पद्मजा से सभी संबंध तोड़ रहे हैं।
दक्षिण भारत पर है भाजपा का फोकस
चार बार मुख्यमंत्री रहे करुणाकरण की बेटी पद्मजा का भाजपा सदस्य बनना इस दृष्टिकोण से भी अहम है, क्योंकि भाजपा अपना जनाधार मजबूत करने के लिए दक्षिण भारत समेत ऐसे इलाकों पर फोकस कर रही है, जहां अभी पार्टी के पास पर्याप्त वोट और सांसद-विधायक नहीं हैं। केरल भी उन राज्यों में शामिल है, जहां भाजपा को अभी सत्ता पर असर डालने के नजरिए से शून्य से शुरुआत करनी है।
कांग्रेस से नाराजगी का कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पद्मजा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से नाराज चल रही थीं। सूत्रों के मुताबिक सियासी मात के बाद पद्मजा राज्यसभा नामांकन पाने की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन पार्टी ने विचार नहीं किया। उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में भी टिकट मिलने की संभावना न के बराबर थी। खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने सभी मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। खबरों के मुताबिक पद्मजा जिला कांग्रेस समितियों के पुनर्गठन के दौरान त्रिशूर में उनके प्रत्याशियों को तरजीह न मिलने से भी खफा थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के कई नेता त्रिशूर में करुणाकरण का स्मारक बनाने के इच्छुक नहीं थे।
केरल में कद्दावर कांग्रेसियों की सियासत
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री करुणाकरण और उनके बेटे मुरलीधरन ने 2004 में कांग्रेस छोड़ दी थी। दोनों ने डेमोक्रेटिक इंदिरा कांग्रेस (करुणाकरण) का गठन किया था, लेकिन उल्लेखनीय राजनीतिक प्रभाव डालने में विफल रहने के बाद दोनों 2007 में कांग्रेस में वापस लौट आए। खबरों के मुताबिक पद्मजा ने ही दोनों को पार्टी में वापस लाईं। भले ही पद्मजा कांग्रेस से जुड़ी रहीं, लेकिन उन्हें अपने राजनीतिक करियर में लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ा। आगे चलकर भाई मुरलीधरन वडकारा से लोकसभा सांसद भी बने। पद्मजा ने 2016 और 2021 में केरल विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार मुंह की खानी पड़ी।