चेन्नई के पास हुए बागमती एक्सप्रेस हादसे में चौंकाने वाला सच सामने आया है। डाटा लॉगर वीडियो के मुताबिक मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस को कावरापेट्टई स्टेशन से मेन लाइन से गुजरने के लिए हरा सिग्नल दिया गया था, मगर ट्रेन लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे के बाद रेलवे ने जांच शुरू कर दी है। वहीं रेलवे के यूनियन नेताओं और विशेषज्ञों ने इसे बालासोर हादसे की पुनरावृत्ति माना है। 

स्टेशन के आसपास ट्रेनों की गतिविधि और सिग्नल संबंधी जानकारी को रिकॉर्ड करने के लिए डाटा लॉगर उपकरण लगाया जाता है। इसमें ट्रेन के सभी लाइनों, सिग्नलों और प्वाइंट की स्थिति संरक्षित होती है। डाटा लॉगर के वीडियो को शनिवार सुबह से रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के व्हाट्सएप समूहों में जारी किया गया। इसमें सामने आया कि चेन्नई में हुआ हादसा कुछ-कुछ बालासोर जैसा था। बालासोर में हावड़ा जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। लेकिन पटरियों के गलत तरीके से जुड़े होने के कारण वह लूप लाइन पर चली गई और खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

दक्षिण रेलवे के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) के अध्यक्ष आर कुमारेसन ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी से लगता है कि बागमती एक्सप्रेस की टक्कर दो जून 2023 को बालासोर ट्रेन दुर्घटना की लगभग पुनरावृत्ति है। रेलवे को सिग्नलिंग प्रणाली में विसंगतियों को दूर करने के लिए गंभीर रुख अपनाना चाहिए।

Bagmati Express left the main line and went to the loop line, shocking truth revealed in the data logger video

वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली में सिग्नल पटरियों के इंटरलॉकिंग का अनुसरण करता है। इसका मतलब है कि अगर मुख्य लाइन के लिए सिग्नल हरा है, तो इंटरलॉकिंग अपने आप इस तरह से सेट हो जाएगी कि ट्रेन मुख्य लाइन पर आ जाएगी। एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि सिग्नलिंग प्रणाली में खराबी होने के चलते सिग्नल और इंटरलॉकिंग के बीच समन्वय न बनने भी हादसा हो सकता है। प्राथमिक तौर पर यह तकनीकी गड़बड़ी लगती है।

इंडियन रेलवे लोको रनिंगमैन ऑर्गनाइजेशन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि सभी पिछली ट्रेनें स्टेशन से सिग्नलिंग और इंटरलॉकिंग प्रणाली में किसी भी असामान्यता के बिना गुजरीं। बालासोर में सिग्नल मरम्मत का काम खत्म होने के तुरंत बाद टक्कर हुई। जबकि कावरापेट्टई रेलवे स्टेशन पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई और ट्रेन परिचालन सामान्य रहा। उन्होंने कहा कि लगता है कि किसी उपकरण में जंग वगैरह लगने के कारण कुछ खराबी हुई होगी। इसके चलते सिग्नल और इंटरलॉकिंग का समन्वय टूट गया।

Bagmati Express left the main line and went to the loop line, shocking truth revealed in the data logger video

वहीं उत्तर रेलवे में मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर/सूचना प्रौद्योगिकी के पद से सेवानिवृत्त हुए केपी आर्य ने कहा कि डाटा लॉगर के वीडियो से पता चलता है कि संबंधित ट्रेन मुख्य लाइन के साथ-साथ लूप लाइन दोनों पर जा रही है, जो संभव नहीं है। ऐसी संभावना है कि ट्रेन इंटरलॉकिंग पर पटरी से उतर गई होगी। इसके बाद इंजन और कुछ डिब्बे लूप लाइन की ओर बढ़े और मालगाड़ी से टकरा गए। जबकि शेष डिब्बे इधर-उधर बिखर गए और मुख्य लाइन पर भी आ गये थे।

उन्होंने कहा कि यह पटरियों और इंटरलॉकिंग-प्वाइंट तंत्र में इंजीनियरिंग दोष है, जो इस तरह से ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण बन सकता है। मैं रेलवे बोर्ड और रेलवे सुरक्षा आयुक्त के समक्ष भी इस पहलू को उजागर करता रहा हूं। मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (12578) तमिलनाडु के कावरापेट्टई स्टेशन के पास मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में 19 लोग घायल हुए।