भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मिथुन चक्रवर्ती ने ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे चिकित्सकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने इस मामले के खिलाफ संघर्ष किया है और वे आगे भी लड़ते रहेंगे। पूरा बंगाल उनके साथ है।
अभिनेता से राजनेता बने चक्रवर्ती ने कहा, “हम किसी को भी प्रदर्शनकारियों को भटकाने नहीं देंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे नबन्ना अभियान में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, “हां, मैं नबन्ना अभियान का हिस्सा बनूंगा। यह आंदोलन बीच में नहीं रुकेगा।”
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “सरकार का रवैया दिखाता है कि वह डॉक्टरों के साथ किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है। डॉक्टरों ने पांच मांगे की हैं, सरकार को कम से कम एक तो माननी ही चाहिए। पुलिस उपायुक्त को हटाने में क्या दिक्कत है?”
वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “जूनियर डॉक्टर कुशल और बुद्धिमान हैं। वे अपनी स्थिति को समझने और अपने फैसले लेने में सक्षम हैं। वे स्वास्थ्य प्रशासन में सुधार की मांग कर रहे हैं। भाजपा उनका नैतिक समर्थन कर रही है। लेकिन उनकी और भाजपा की मांगों के बीच तालमेल की कमी है।” उन्होंने कहा, “राज्य में भर्ती घोटाला, शिक्षा घोटाला, खाद्य घोटाला जैसी समस्याएं हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। ममता बनर्जी को इस्तीफा देना चाहिए।”
न्याय की मांग को लेकर शिक्षकों ने निकाली रैली
इस मामले में को लेकर आज सैकड़ों शिक्षकों ने यहां रैली निकालकर न्याय सुनिश्चित करने की मांग की। शिक्षकों ने कॉलेज स्क्वायर से श्यामबाजार तक मार्च निकाला और घटना में शामिल सभी दोषियों की गिरफ्तारी और त्वरित सुनवाई की मांग की।
रैली में शामिल शिक्षक अंशुमान नाग ने कहा, “वह (मृतका) हमारी बेटी की तरह है। हम सख्त सजा की मांग करते हैं, सबूत छिपाने के प्रयासों की निंदा करते हैं और इस बात से स्तब्ध हैं कि जांच एजेंसियां अभी तक इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार सभी लोगों की पहचान नहीं कर पाई हैं।” उन्होंने कहा, “हम किसी राजनीतिक दल या संगठन से संबंधित नहीं हैं। हम आम नागरिकों के विरोध को आवाज देने के लिए खुद ही एकत्र हुए हैं।”
वहीं, एक अलग विरोध-प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ चिकित्सकों सहित सैकड़ों लोगों ने शहर के उत्तरी हिस्से में सिंथिर मोड़ पर मानव श्रृंखला बनाई और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की।