नगरकुरनूल, तेलंगाना। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना का हिस्सा रहे ‘जेपी ग्रुप’ के संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश गौड़ ने सुरंग के एक निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने की घटना पर बुधवार को कहा कि मुश्किल कामों के दौरान दुर्घटना की आशंका रहती है।
‘जेपी ग्रुप’ की प्रमुख कंपनी ‘जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड’ को एसएलबीसी के सुरंग की खुदाई का ठेका मिला था।
मंत्री कोमाटीरेड्डी वेंकट रेड्डी से मिलने के बाद दुर्घटना स्थल पर संवाददाताओं से बात करते हुए करीब 90 वर्षीय गौड़ ने कहा कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर के दौरान छह से सात दुर्घटनाओं को देखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन कठिन कार्यों में ऐसी चीजें होती हैं। टिहरी परियोजना, भूटान में, जम्मू कश्मीर में, हर जगह हमने कई परियोजनाएं कीं और मेरे जीवन में मुझे लगता है कि छह या सात दुर्घटनाएं हो सकती हैं… । आपको विषमता का सामना करना पड़ता है।’’
गौड़ ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए टीम अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं। सुरंग में फंसे हुए आठ व्यक्तियों में से दो इंजीनियर और चार मजदूर ‘जयप्रकाश एसोसिएट्स’ के लिए काम करते हैं।
कंपनी ने 23 फरवरी को सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच शेयर बाजार को सूचित किया था कि 22 फरवरी को इंजीनियर, तकनीशियन, ऑपरेटर और टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) प्रभारी सहित 60 लोग मौके पर काम कर रहे हैं।
शिफ्ट के प्रभारी ने ध्वनि का आकलन किया और किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर उन्होंने तुरंत निकासी का आदेश दिया। वे बचने के लिए भागे क्योंकि सुरंग की छत से भारी मात्रा में पानी, पत्थर, कीचड़ नीचे आ गया और लगभग 300 मीटर की लंबाई का क्षेत्र मलबे से भर गया।
दुर्भाग्य से जब कर्मियों की गिनती की गई तो पता चला कि आठ श्रमिक जिसमें दो अधिकारी शामिल थे, मलबे में फंस गए हैं।
इसके बाद की सूचना में बताया गया कि जिला प्रशासन के सहयोग से प्रतिक्रिया टीम, चिकित्सा टीम और विभागीय अधिकारी फंसे हुए कामगारों और अधिकारियों को निकालने के प्रयास में जुटे हैं।