भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर भारत मंडपम में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह, इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन और भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल हुए।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में पिछले दो वर्षों में उत्साह और तेजी आई है। उन्होंने गगनयान मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर उतरने जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों और युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि देश की इन उपलब्धियों के लिए पूरे देश के संसाधनों और सहयोग की जरूरत है। शुभांशु ने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय मिशनों को बड़ी उत्सुकता से देखा जा रहा है।
इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि 23 अगस्त 2023 का दिन ऐतिहासिक रहा, जब भारत ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कराया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को इस उपलब्धि में मार्गदर्शन और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। नारायणन ने यह भी बताया कि भारत का पहला गगनयात्री आईएसएस पर सुरक्षित भेजा गया और इसके पीछे प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता महत्वपूर्ण रही।
इसरो के अध्यक्ष ने आगे कहा कि आने वाले मिशनों में चंद्रयान-4 और वीनस ऑर्बिटर शामिल हैं। 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा और पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2040 तक भारत चंद्रमा पर उतरने और सुरक्षित वापसी की योजना तैयार कर रहा है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्व स्तर पर किसी से कम नहीं रहेगा।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने बताया कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूकता और प्रेरणा पैदा करना है। उन्होंने चंद्रयान-3 के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग का जिक्र करते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक मान्यता दिलाती है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को अंतरिक्ष अनुसंधान और भारत की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई और युवाओं में भविष्य के मिशनों के प्रति उत्साह जगाया गया।