अभी गर्मी से नहीं मिलेगी राहत, मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए जारी किया रेड अलर्ट

भारत के अधिकतर हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। उत्तर भारत के मैदानी इलाके बीते पांच दिनों से भयंकर लू की चपेट में हैं। अब मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए हीट वेव का रेड अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट जिन राज्यों के लिए जारी किया गया है, उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश का नाम शामिल है। 

गर्मी से आम जनजीवन प्रभावित
मौसम विभाग ने कहा है कि गर्मी को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। निचले पहाड़ी इलाकों में भी तेज गर्मी पड़ेगी। मंगलवार को देश के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। इनमें राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कई इलाके शामिल हैं। गर्मी के चलते इन इलाकों में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा। गुजरात के कई इलाकों में भीषण गर्मी के साथ ही उमस हालात को और खतरनाक बना रही है। हरियाणा के सिरसा में मंगलवार को अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि देश में सबसे ज्यादा है। 

बिजली की खपत बढ़ी
दिल्ली में मंगलवार को तापमान में थोड़ी राहत रही, लेकिन अभी भी ये सामान्य की तुलना में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। गर्मी के चलते दिल्ली में बिजली की खपत में भी उछाल आया है। मंगलवार को दिल्ली में रिकॉर्ड 7,717 मेगावॉट बिजली की मांग रही और आने वाले दिनों में इसके 8200 मेगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है। दिल्ली में 25 मई को छठे चरण का मतदान होना है। ऐसे में लोगों ने चुनाव आयोग से अपील की है कि मतदान के दौरान मतदान केंद्रों पर पंखे, कूलर और ठंडे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। 

गर्मी का भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा भारी असर
मौसम विभाग का कहना है कि अगले चार से पांच दिनों में अधिकतम तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। मंगलवार को भी राजस्थान के झुंझुनु के पिलानी में अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत में गर्मी के मौसम में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे निम्न आय वर्ग की आय भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गर्मी के चलते 2030 तक 3 करोड़ से भी ज्यादा नौकरियां जा सकती हैं। गर्मी से उत्पादकता भी प्रभावित हो रही है और इसके चलते भारत की जीडीपी को भी भारी नुकसान हो सकता है। 

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