लोकसभा में आज पेश होंगे पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने संबंधी तीन अहम विधेयक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार बुधवार (20 अगस्त) को लोकसभा में तीन बड़े विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य यह प्रावधान करना है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री अथवा मंत्री पर गंभीर आपराधिक आरोप लगने के बाद उन्हें गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है, तो उन्हें पद से हटाया जा सके।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव भी सदन में रखेंगे। विपक्ष के इन पर कड़ा विरोध जताने की संभावना है।

कौन-कौन से हैं विधेयक?

  1. केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 – इसमें 1963 के अधिनियम की धारा 45 में संशोधन कर यह प्रावधान किया जाएगा कि अगर किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर अपराध में गिरफ्तार हो, तो उसे पद से हटाया जा सके।
  2. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 – इसके तहत संविधान की धाराओं 75, 164 और 239एए में संशोधन कर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यों व दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आरोपों में गिरफ्तारी की स्थिति में पद से हटाने का प्रावधान किया जाएगा।
  3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 – 2019 के अधिनियम की धारा 54 में संशोधन कर वहां के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी इसी आधार पर पद से हटाने का प्रावधान होगा।

जम्मू-कश्मीर के राज्य दर्जे पर अभी निर्णय नहीं

जम्मू-कश्मीर से जुड़े विधेयक में राज्य का दर्जा बहाल करने पर कोई कदम शामिल नहीं है। सूत्रों के अनुसार, सरकार का मौजूदा फोकस सिर्फ प्रशासनिक और संवैधानिक बदलावों पर है।

आगे की चुनौतियाँ

संविधान संशोधन संबंधी विधेयक के लिए संसद में विशेष बहुमत यानी कुल सदस्यों के दो-तिहाई समर्थन की आवश्यकता होगी, जो फिलहाल एनडीए के पास नहीं है। वहीं, जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े संशोधन साधारण बहुमत से पारित किए जा सकते हैं।
विपक्ष का मानना है कि केवल आरोप लगने पर किसी निर्वाचित मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने की शक्ति केंद्र को देना लोकतांत्रिक मूल्यों पर असर डाल सकता है।

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