तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय के खिलाफ तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि कोयला घोटाला मामले में सांसद के बैंक खाता की केंद्रिय एजेंसियों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने बंद्योपाध्याय जैसे पुराने नेताओं के एक वर्ग पर हमला करते हुए कहा कि यह नेता टीएमसी सांसद से अधिक भाजपा सांसद है। बता दें, घोष ने शुक्रवार को टीएमसी प्रवक्ता और पार्टी राज्य महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था।
सीबीआई-ईडी को किया टैग
घोष ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट किया। पोस्ट में घोष ने सीबीआई और ईडी को भी टैग किया। टैग करते हुए उन्होंने पोस्ट में कहा कि सांसद सुदीप बनर्जी के बैंक खातों की जांच होनी चाहिए। इसी के साथ बनर्जी और एक निजी अस्पताल के बीच हुए भुगतान की भी जांच हो। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एजेंसियों ने उनकी मांग को टालने की कोशिश की तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि बंदोपाध्याय भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। इसी कारण उनके तेवर भाजपा के प्रति नरम हैं।
टीएमसी नेता बोले- आरोपों की जांच आवश्यक है
घोष ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आरोपी लगाया कि टीएमसी के अनुभवी सांसद पूरे साल अपने निर्वाचन क्षेत्र में नजर नहीं आते हैं। बस लोकसभा चुनाव के दौरान वह जागते हैं। टीएमसी के पास इनकी जगह कई उपयुक्त उम्मीदवार हैं, जो हमेशा लोगों के साथ रहते हैं। मंत्री फिरहाद हकीम ने घोष के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, विधानसभा में टीएमसी के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने कहा कि आरोप गंभीर है। पार्टी को इसकी जांच करानी चाहिए।
जानिए, पद छोड़ने के पीछे घोष ने क्या बताया कारण
पद छोड़ते वक्त घोष ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि पोस्ट में लिखा कि वह तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और प्रवक्ता का पद नहीं रखना चाहते। वह सिस्टम में मिसफिट हैं। कार्य करने में असमर्थ हैं। वह पार्टी में सिपाही बनकर रहेंगे। कृपया दलबदल की अफवाहों को हवा न दें। ममता बनर्जी मेरी नेता हैं, अभिषेक बनर्जी मेरे सेनापति हैं। तृणमूल कांग्रेस मेरी पार्टी है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को दे दी है। इसके पहले उन्होंने अपने मीडिया प्रोफाइल से तृणमूल कांग्रेस की पहचान हटा दी।