कोलकाता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) को निर्देश दिया कि वह एसएलएसटी 2025 परीक्षा में शामिल सभी उम्मीदवारों की ओएमआर शीट्स सार्वजनिक करे। अदालत ने यह कदम भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया।
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि शुरुआत से ही पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अवैध नियुक्ति की संभावना न रहे। अदालत ने WBSSC को आदेश दिया कि कक्षा 9-10 और 11-12 के उम्मीदवारों की ओएमआर शीट्स उनकी वेबसाइट पर अपलोड की जाएं, जिससे कोई भी उम्मीदवार या पक्ष शिकायत न कर सके।
2016 भर्ती पैनल पर भी ध्यान
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि 2016 की एसएलएसटी भर्ती में पैनल की अवधि समाप्त होने के बाद नियुक्त किए गए उम्मीदवारों की सूची भी प्रस्तुत की जाए। जानकारी के अनुसार, 2016 एसएलएसटी में कक्षा 11-12 का पैनल नवंबर 2018 में और कक्षा 9-10 का पैनल मार्च 2019 में समाप्त हो चुका था।
याचिकाकर्ताओं की दलील
याचिकाकर्ताओं के वकील सुदीप्तो दासगुप्ता ने अदालत को बताया कि WBSSC ने केवल उन्हीं उम्मीदवारों को दागी बताया है जिनकी ओएमआर शीट में मिलान नहीं हुआ। जबकि पैनल की अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रूप से नियुक्त किए गए उम्मीदवारों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कोई भी दागी उम्मीदवार दोबारा भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता। अगर गलती से शामिल हो भी जाए, तो उसकी उम्मीदवारी जांच के बाद रद्द होनी चाहिए।
अगली सुनवाई 10 दिसंबर को
अदालत के इस आदेश के बाद WBSSC की पारदर्शिता और पुराने नियुक्ति मामलों को लेकर बहस फिर तेज हो गई है। इस मामले पर अब सभी की नजरें 10 दिसंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं।