त्योहारी सीजन में यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें, फ्लाइट और ट्रेन टिकट में बेतहाशा बढ़ोतरी

देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। 2 अक्टूबर को दशहरा, 20 अक्टूबर को दिवाली और 28 अक्टूबर को छठ पूजा मनाई जाएगी। इन अवसरों पर बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौटेंगे। खासतौर पर दिवाली और छठ के समय दिल्ली, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से लोग उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर सफर करेंगे।

लेकिन त्योहारों के दौरान यात्रा करना यात्रियों के लिए चुनौती बन गया है। अधिकांश नियमित ट्रेनों में सीटें कई हफ्ते पहले ही भर चुकी हैं, जबकि फ्लाइट किराया आसमान छू रहा है।

फ्लाइट टिकट के दाम हुए आसमान छू

दिवाली और छठ के समय बिहार के पटना के लिए फ्लाइट टिकट 22 हजार रुपये से ऊपर पहुंच गए हैं। इंडिगो एयरलाइन मुंबई से पटना के लिए 18-19 अक्टूबर के सप्ताहांत में 28,000 रुपये तक का किराया ले रही है। वहीं, छठ के बाद पटना से बेंगलुरु जाने की टिकट 35,000 रुपये तक पहुँच गई है।

दिल्ली-पटना और मुंबई-पटना मार्ग के अलावा दिल्ली-कोलकाता, मुंबई-देहरादून, मुंबई-दिल्ली, मुंबई-जयपुर, बेंगलुरु-कोलकाता, चेन्नई-कोलकाता और हैदराबाद-दिल्ली रूट पर भी किराए में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। दरभंगा से मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु हवाई मार्ग पर भी टिकटें जल्दी भर रही हैं।

टिकट बढ़ोतरी का कारण

ट्रेवल कंसल्टेंट मुकेश ठाकुर के अनुसार, त्योहारों और लंबी छुट्टियों के दौरान एयरलाइन कंपनियां डिमांड-सप्लाई के आधार पर टिकट कीमतें तय करती हैं। पिछले वर्षों की तुलना में किराए में 90 से 200 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। एयरलाइन कंपनियों ने टिकटों को कई श्रेणियों में बांट दिया है, जैसे बिजनेस क्लास, इकोनॉमी, प्रीमियम और पॉइंट टू पॉइंट फेयर।

सरकार ने ATF वैट कम करने का सुझाव दिया

संसद में नागरिक उड्डयन मंत्री के.राममोहन नायडू ने बताया कि एयरलाइन टिकट के महंगे होने में लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की लागत से जुड़ा है। केंद्र सरकार ने राज्यों से ATF पर वैट कम करने का अनुरोध किया है, ताकि हवाई किराया यात्रियों की पहुंच में लाया जा सके।

यात्रियों के पास अब विकल्प कम

त्योहारों के समय यात्रियों के पास तत्काल टिकट और स्पेशल ट्रेनों का ही विकल्प बचा है। नियमित ट्रेनों में रिजर्वेशन 60 दिन पहले खुलता है, लेकिन इतनी भारी मांग होने के कारण सीटें जल्दी भर जाती हैं। रेलवे त्योहारों से ठीक पहले स्पेशल ट्रेनों की घोषणा करती है, ताकि यात्रियों को कंफर्म सीट मिल सके।

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