तृणमूल नेताओं का आरोप, रवनीत बिट्टू ने लोकसभा में अबू ताहिर को दिया धक्का

संसद में बुधवार को हुए भारी हंगामे के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मुर्शिदाबाद से सांसद अबू ताहिर खान को केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने धक्का दिया। यह घटना उस समय हुई जब सदन में गंभीर अपराधों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने से जुड़े तीन विधेयक पेश किए जा रहे थे।

टीएमसी की लोकसभा डिप्टी लीडर शताब्दी राय और सांसद महुआ मोइत्रा ने 21 अगस्त को लिखे पत्र में दावा किया कि अबू ताहिर को बिना किसी उकसावे के धक्का दिया गया। पत्र में कहा गया कि वह सदन की कार्यवाही में विरोध दर्ज कराने आए थे, लेकिन अचानक उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। नेताओं ने लिखा कि इस घटना से उन्हें “बेहद असहाय और असुरक्षित” महसूस हुआ।

टीएमसी का आरोप : बीमार सांसद को किया गया निशाना
टीएमसी सांसदों ने पत्र में उल्लेख किया कि अबू ताहिर हाल ही में गंभीर बीमारी से उबरकर लौटे हैं और उनकी स्थिति से सभी सदस्य अवगत हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री का उन्हें धक्का देना “अस्वीकार्य और चौंकाने वाला” है। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू उस समय बिट्टू के पीछे खड़े होकर भाजपा सांसदों को उकसा रहे थे।

हंगामे के दौरान बढ़ा तनाव
घटना के दिन सदन का माहौल बेहद तनावपूर्ण था। जब गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान (120वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, तो टीएमसी सांसद वेल तक पहुंच गए और बिल की प्रतियां फाड़कर उनकी ओर उछालीं। इस दौरान सांसद कल्याण बनर्जी ने माइक खींचने और नारेबाजी करने की कोशिश की। विपक्ष की भीड़ देख भाजपा सांसद भी उनकी ओर बढ़े। इसी दौरान बिट्टू और रिजिजू की सक्रियता देखी गई।

लोकसभा अध्यक्ष से सख्त कार्रवाई की मांग
टीएमसी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से इस प्रकरण पर “कड़ा कदम” उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह का व्यवहार न केवल सांसदों की गरिमा बल्कि संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उस समय सांसद यूसुफ पठान बीच में न आते तो स्थिति और बिगड़ सकती थी।

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