भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने देशभर में अपने डेटाबेस की अब तक की सबसे बड़ी सफाई करते हुए 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार नंबर बंद कर दिए हैं। इस कदम के लिए UIDAI ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रशासनिक इकाइयों, लोक वितरण प्रणाली और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम जैसे विभिन्न सरकारी स्रोतों से मौतों का डेटा हासिल किया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि UIDAI वित्तीय संस्थानों और अन्य कंपनियों के साथ साझेदारी के जरिए मृतक व्यक्तियों की जानकारी तक पहुंच को और मजबूत करने पर विचार कर रहा है। UIDAI ने स्पष्ट किया कि आधार नंबर कभी किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दिए जाते, लेकिन मृतक होने पर आईडी को बंद करना पहचान की धोखाधड़ी या कल्याण योजनाओं के लाभ में दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक है।
इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए UIDAI ने इस साल की शुरुआत में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में “माय आधार पोर्टल” पर परिवार के किसी सदस्य द्वारा मृतक की रिपोर्टिंग की सुविधा शुरू की। बाकी क्षेत्रों में एकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। पोर्टल पर परिवार के सदस्य खुद को सत्यापित कर मृतक का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और अन्य विवरण साझा कर सकते हैं। UIDAI इन जानकारियों की जांच के बाद मृतक का आधार बंद कर देता है।