मेरा बेटा भी पिकनिक मनाने आया था। यहां उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसके शिक्षक ने मुझे कॉल करके जानकारी दी। मैं उसे लेने झील पहुंचा तो देखा कि वह नांव में सवार था। मैं झील के पास ही खड़ा उसका इंतजार कर रहा था। तभी नांव पलट गई। हालांकि, तुरंत लोगों ने उसे बचा लिया। यह कहना है वडोदरा के हरनी झील में हुए हादसे के पीड़ित के पिता की। दरअसल, कुछ स्कूली छात्र शिक्षकों के साथ पिकनिक मनाने झील आए थे। इस दौरान शिक्षक छात्रों के साथ नौकाविहार करने पहुंचे लेकिन सेल्फी के कारण 27 बच्चों से भरी नांव पलट गई। हालांकि, आसपास के लोग और गोताखोरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन वे सभी को नहीं बचा सके। हादसे में 14 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई।    

सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही
अस्पताल पहुंचे एक और परिजन ने बताया कि बच्चों को लाइफ जैकेट भी नहीं दिए गए थे। वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। एक मृतक छात्रा के पिता का कहना है कि मेरी बिटिया भी नाव पर सवार थी। वह पिकनिक मनाने गई थी। लेकिन हादसे में उसकी मौत हो गई। मैं उसका शव लेने यहां आया हूं। पूरे हादसे का जिम्मेदार कौन है, मुझे समझ नहीं आ रहा। पिता के आंखों से आंसू लगातार बह रहे थे। 

दुकान मालिक ने चार बच्चों को बाहर निकाला
झील के पास दुकान चलाने वाले मुकेश खावडू ने बताया कि घटना के दौरान मैं दुकान पर ही थी। तभी मैंने एक व्यक्ति की चीख सुनी। पहले तो कुछ समझ नहीं आया। बाद में समझ आया कि वह मदद की गुहार लगा रहा है। इसके बाद मैंने बिना एक मिनट गंवाए झील में छलांग लगा दी। मुझे तैरना आता हैं। मैं तुरंत नाव के पास पहुंचा और चार बच्चों को बाहर निकाला।   

शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश
गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर का कहना है कि मुझे पता चला कि नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। नाव की कुल क्षमता 14 यात्रियों की थी, लेकिन उसमें 23 छात्रों सहित 27 लोग सवार थे। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। डिंडोर ने आगे कहा कि जानकारी मिली है कि छात्रों ने लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी। जांच रिपोर्ट में सामने आए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।