वंदे भारत और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों में यात्रियों के लिए खानपान की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है, जिससे यात्रा का खर्च बढ़ गया है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने चुपचाप ऑनलाइन टिकट बुकिंग से ‘नो फूड’ विकल्प हटा दिया है।
अब ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों को भोजन सेवा अनिवार्य रूप से लेनी होगी। पहले यात्री अपनी सुविधा के अनुसार भोजन चुनने या छोड़ने का विकल्प रखते थे, लेकिन अब उन्हें न चाहकर भी 300 से 400 रुपये तक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है।
ऑनलाइन बुकिंग के दौरान यात्रियों को केवल भोजन के प्रकार चुनने के विकल्प—वेज, नॉन-वेज, डायबिटिक वेज, डायबिटिक नॉन-वेज और जैन मील—दिए जा रहे हैं। पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार, यह निर्णय आईआरसीटीसी से संबंधित है, और इस पर वही आधिकारिक टिप्पणी कर सकते हैं।
काउंटर बुकिंग पर राहत बरकरार
रेलवे काउंटर से टिकट बुक कराने पर अब भी ‘नो फूड’ विकल्प उपलब्ध है। हावड़ा से धनबाद तक वंदे भारत में बिना भोजन के किराया 690 रुपये है, जबकि शताब्दी एक्सप्रेस में यह 545 से 690 रुपये के बीच है।
वहीं, ऑनलाइन बुकिंग करने पर खानपान सहित किराया काफी बढ़ गया है। धनबाद से हावड़ा तक वंदे भारत एक्सप्रेस में अब 995 रुपये का किराया वसूला जा रहा है, जिस पर आईआरसीटीसी का सेवा शुल्क लगभग 36 रुपये अलग से लिया जा रहा है। यानी कुल किराया 1,031 रुपये हो गया है।
शताब्दी एक्सप्रेस में यही किराया 775 रुपये (भोजन सहित) और 36 रुपये सेवा शुल्क जोड़कर 811 रुपये तक पहुंच गया है।
यात्रियों में नाराजगी, सोशल मीडिया पर उठी आवाज
बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) के बांग्ला विभाग के प्राध्यापक डॉ. जय गोपाल मंडल ने सोशल मीडिया पर इस बदलाव को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा कि रेलवे ने बिना सूचना दिए खानपान सेवा को अनिवार्य कर टिकट महंगे कर दिए हैं।
उनके अनुसार, पहले धनबाद से हावड़ा का किराया वंदे भारत में 745 रुपये था, जो अब लगभग 300 रुपये बढ़ गया है। वहीं, शताब्दी एक्सप्रेस में भी किराया 545 से बढ़कर करीब 635 रुपये तक पहुंच गया है।
वंदे भारत और शताब्दी एक्सप्रेस में नई कैटरिंग दरें (₹ में)
| रूट | क्लास | कैटरिंग शुल्क (₹) |
|---|---|---|
| धनबाद – हावड़ा | चेयर कार | 308 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 369 | |
| हावड़ा – धनबाद | चेयर कार | 142 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 175 | |
| धनबाद – गया | चेयर कार | 349 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 404 | |
| गया – धनबाद | चेयर कार | 86 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 125 | |
| टाटा – गोमो | चेयर कार | 142 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 175 | |
| गोमो – टाटा | चेयर कार | 308 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 369 |
शताब्दी एक्सप्रेस के लिए कैटरिंग शुल्क:
| रूट | क्लास | कैटरिंग शुल्क (₹) |
|---|---|---|
| धनबाद – हावड़ा | एसी चेयर कार | 275 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 385 | |
| हावड़ा – धनबाद | एसी चेयर कार | 125 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 175 | |
| धनबाद – रांची | एसी चेयर कार | 185 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 245 | |
| रांची – धनबाद | एसी चेयर कार | 90 |
| एग्जीक्यूटिव क्लास | 140 |
रेल यात्रियों का कहना है कि ‘नो फूड’ विकल्प हटाने से न केवल यात्रा खर्च बढ़ा है, बल्कि छोटे सफर करने वाले यात्रियों पर भी अनावश्यक बोझ डाला गया है।