महाराष्ट्र के राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन मंगलवार को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने गए। एनडीए के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने 452 वोट प्राप्त किए, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिले। उनकी जीत के बाद देशभर से उन्हें बधाइयाँ मिल रही हैं।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी अपने उत्तराधिकारी को पत्र लिखकर उन्हें बधाई दी। यह उनका जुलाई में पद छोड़ने के बाद पहला सार्वजनिक बयान माना जा रहा है। पत्र में धनखड़ ने लिखा कि राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद पर आना जनप्रतिनिधियों के विश्वास और भरोसे का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके अनुभव के कारण उपराष्ट्रपति पद को और अधिक सम्मान और गरिमा मिलेगी।
धनखड़ ने अपने संदेश में यह आशा जताई कि राधाकृष्णन के नेतृत्व में उपराष्ट्रपति कार्यालय नई ऊँचाइयाँ छूएगा और लोकतंत्र मजबूत बनेगा। उन्होंने सफल कार्यकाल और देश की सेवा के लिए शुभकामनाएँ भी दीं।
ध्यान देने योग्य है कि धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस कदम से नई उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। राधाकृष्णन की जीत से न केवल सत्ताधारी गठबंधन को मजबूती मिली है, बल्कि देश को एक अनुभवी और सक्षम उपराष्ट्रपति भी मिला है।
इस चुनाव में कुल 767 वोट डाले गए, जिनमें से 752 वैध और 15 अमान्य घोषित किए गए। राधाकृष्णन अब उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे और राज्यसभा के सभापति के रूप में भी जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं, विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल सका। नतीजों ने एक बार फिर एनडीए की संसद में मजबूत स्थिति को प्रमाणित किया।