असम के कोकराझार जिले में पुलिस और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक वांछित उग्रवादी ढेर हो गया। यह मुठभेड़ सलकटी थाना क्षेत्र के नदांगुरी इलाके में हुई। मारा गया उग्रवादी अपिल मुर्मू उर्फ रोहित मुर्मू हाल ही में कोकराझार रेलवे ट्रैक पर हुए विस्फोट का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, अपिल मुर्मू का आपराधिक इतिहास लंबा रहा है। वह पहले झारखंड में भी बम धमाकों में शामिल रह चुका था। पिछले वर्ष अक्टूबर में झारखंड के रेलवे ट्रैक पर धमाका कर वह असम भाग आया था। झारखंड में वह ‘रोहित मुर्मू’ के नाम से और असम में ‘अपिल मुर्मू’ के नाम से सक्रिय था। वह मूल रूप से कोकराझार जिले के कचुगांव ग्रामपुर का निवासी था और दोनों राज्यों में उग्रवादी संगठनों से संपर्क बनाए हुए था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि मुर्मू पहले प्रतिबंधित संगठन नेशनल संथाल लिबरेशन आर्मी (NASLA) का सदस्य था। जब संगठन ने आत्मसमर्पण किया, तब उसने सरेंडर करने से इंकार कर दिया और झारखंड भाग गया, जहां वह NASLA का कमांडेंट बना। इसके बाद उसने माओवादी संगठनों से भी संबंध जोड़ लिए।
झारखंड पुलिस की एक टीम हाल ही में असम पहुंची थी, क्योंकि मुर्मू 2015 से झारखंड में कई हिंसक वारदातों में शामिल रहा था।
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर की रात करीब 1 बजे कोकराझार और सलकटी स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर विस्फोट हुआ था, जिससे ट्रैक और स्लीपर क्षतिग्रस्त हो गए थे। हादसे के कारण कई ट्रेनों का संचालन बाधित हुआ। जांच में पाया गया कि विस्फोट जानबूझकर किया गया था। रेलवे पुलिस ने बताया कि ट्रैक की मरम्मत सुबह 5.25 बजे तक पूरी कर दी गई थी और 5.30 बजे से ट्रेन सेवाएं सामान्य हो गईं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह तोड़फोड़ का मामला प्रतीत हो रहा है। इस घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है।